मुहावरों

  • मुहावरों का अर्थ क्या होता है?
  • मुहावरे कैसे आते हैं?
  • मुहावरे से वाक्य कैसे बनाएं?
  • मुहावरे और लोकोक्ति में अंतर
  • मुहावरे कितने प्रकार के होते हैं?
  • Example of Idioms – मुहावरों का उदाहरण
  • मुहावरा की विशेषता
  • Types of Idioms – मुहावरों के प्रकार
  • लोकोक्तियों एवं मुहावरों का महत्त्व – Muhavare in Hindi
  • Hindi Muhavare with Meanings and Sentences – मुहावरे और लोकोक्ति का अर्थ या वाक्य
  • List of Idioms मूहवारों की सूची

Question : मुहावरों का अर्थ क्या होता है?

Answer:-“प्रायः शारीरिक चेष्टाओं, अस्पष्ट ध्वनियों और कहावतों अथवा भाषा के कतिपय विलक्षण प्रयोगों के अनुकरण या आधार पर निर्मित और अभिधेयार्थ से भिन्न कोई विशेष अर्थ देने वाले किसी भाषा के गठे हुए रूढ़ वाक्य, वाक्यांश या शब्द-समूह को मुहावरा कहते हैं।”

Question:- मुहावरे कैसे आते हैं?

Answer:-“मुहावरों के लिए कई स्रोत हैं, लेकिन बड़ा योगदानकर्ता आलंकारिक भाषा है, विशेष रूप से रूपक । जब एक रूपक का पहली बार उपयोग किया जाता है, तो यह ताजा और ज्वलंत होता है- और लोगों को छवि के माध्यम से सोचना पड़ता है कि यह क्या बताता है।

Question:-मुहावरे से वाक्य कैसे बनाएं?

Answer:-मुहावरा छोटा होता है जबकि लोकोक्ति बड़ी और भावपूर्ण होती है। वाक्य प्रयोग: यह बच्चा मेरी आँखों का तारा है। वाक्य प्रयोग – उसकी क्या बात कर रहे हो, वह तो मेरे खून का प्यासा हो गया है। वाक्य प्रयोग: आतंकवादियों को देखकर मेरा तो खून ठण्डा पड़ गया।

Question:-मुहावरे और लोकोक्ति में अंतर

Answer मुहावरा पूर्णतः स्वतंत्र नहीं होता है, अकेले मुहावरे से वाक्य पूरा नहीं होता है। लोकोक्ति पूरे वाक्य का निर्माण करने में समर्थ होती है। मुहावरा भाषा में चमत्कार उत्पन्न करता है जबकि लोकोक्ति उसमें स्थिरता लाती है। मुहावरा छोटा होता है जबकि लोकोक्ति बड़ी और भावपूर्ण होती है।

Question:-मुहावरे कितने प्रकार के होते हैं?

Answer:- 4 प्रकार के मुहावरे| सामान्यतया मुहावरे चार प्रकार के होते हैं:

  1. शुद्ध मुहावरे,
  2. द्विपद मुहावरे,
  3. आंशिक मुहावरे
  4. पूर्वसर्ग मुहावरे।

Question :- Definition of Idioms – मुहावरों की परिभाषा

Answer :- ऐसे वाक्यांश, जो सामान्य अर्थ का बोध न कराकर किसी विलक्षण अर्थ की प्रतीति कराये, मुहावरा कहलाता है।

दूसरे शब्दों में – मुहावरा भाषा विशेष में प्रचलित उस अभिव्यक्तिक इकाई को कहते हैं, जिसका प्रयोग प्रत्यक्षार्थ से अलग रूढ़ लक्ष्यार्थ के लिए किया जाता है।

साधारण अर्थ में – मुहावरा किसी भाषा में आने वाला वह वाक्यांश है, जो अपने शाब्दिक अर्थ को न बताकर किसी विशेष अर्थ को बताता है।

Example of Idioms – मुहावरों का उदाहरण

(1) कक्षा में प्रथम आने की सूचना पाकर मैं ख़ुशी से फूला न समाया अर्थात बहुत खुश हो जाना।
(2) केवल हवाई किले बनाने से काम नहीं चलता, मेहनत भी करनी पड़ती है अर्थात कल्पना में खोए रहना।
इन वाक्यों में ‘ख़ुशी से फूला न समाया’ और ‘हवाई किले बनाने’ वाक्यांश विशेष अर्थ दे रहे हैं। यहाँ इनके शाब्दिक अर्थ नहीं लिए जाएँगे। ये विशेष अर्थ ही ‘मुहावरे’ कहलाते हैं।
मुहावरा’ शब्द अरबी भाषा से लिया गया है, जिसका अर्थ होता है- अभ्यास। मुहावरा का प्रयोग करना और ठीक-ठीक अर्थ समझना बड़ा ही कठिन है, यह अभ्यास और बातचीत से ही सीखा जा सकता है। इसलिए इसका नाम मुहावरा पड़ गया।
हिंदी भाषा में मुहावरों का प्रयोग भाषा को सुंदर, प्रभावशाली, संक्षिप्त तथा सरल बनाने के लिए किया जाता है। ये वाक्यांश होते हैं। मुहावरों का काम है किसी बात को इस खूबसूरती से कहना की सुनने-वाला उसे समझ भी जाए और उससे प्रभावित भी हो जाए।

मुहावरा की विशेषता

1) मुहावरे का प्रयोग वाक्य के प्रसंग में होता है, अलग नही। जैसे, कोई कहे कि ‘पेट काटना’ तो इससे कोई विशेष अर्थ प्रकट नहीं होता है। इसके विपरीत, कोई कहे कि ‘मैंने पेट काटकर’ अपने लड़के को पढ़ाया, तो वाक्य के अर्थ में एक संकेत, सुंदरता और एक लय प्राप्त हो जाती है।
(2) मुहावरा अपना असली रूप कभी नही बदलता अर्थात उसे पर्यायवाची शब्दों में परिवर्तित नहीं किया जा सकता। जैसे- ‘कमर टूटना’ एक मुहावरा है, लेकिन इसके स्थान पर ‘कमर टूटने’ के पर्यायवाची शब्द ‘कटिभंग’ जैसे शब्द का प्रयोग गलत होगा।
(3) मुहावरे का शब्दार्थ नहीं, उसका विशेष अर्थ ही ग्रहण किया जाता है; जैसे- ‘खिचड़ी पकाना’। ये दोनों शब्द जब मुहावरे के रूप में प्रयुक्त होंगे, तब इनका शब्दार्थ नहीं लिया जाता। लेकिन, वाक्य में जब इन शब्दों का प्रयोग होगा, तब विशेष अर्थ होगा- ‘गुप्तरूप से सलाह करना’।
(4) मुहावरे का अर्थ प्रसंग के अनुसार होता है। जैसे- ‘लड़ाई में खेत आना’ । इसका अर्थ ‘युद्ध में शहीद हो जाना’ है, न कि लड़ाई के स्थान पर किसी ‘खेत’ का चला आना।
(5) हिन्दी के अधिकतर मुहावरों का सीधा सम्बन्ध शरीर के भिन्न-भिन्न अंगों से है। यह बात दूसरी भाषाओं के मुहावरों में भी पायी जाती है; जैसे- मुँह, कान, हाथ, पाँव इत्यादि पर अनेक मुहावरे प्रचलित हैं। हमारे अधिकतर कार्य इन्हीं के सहारे चलते हैं।

Types of Idioms – मुहावरों के प्रकार

मुहावरों को निम्नलिखित आधारों पर वर्गीकृत किया जा सकता है –
(1) सादृश्य पर आधारित
(2)
शारीरिक अंगों पर आधारित
(3)
असंभव स्थितियों पर आधारित
(4)
कथाओं पर आधारित
(5)
प्रतीकों पर आधारित
(6)
घटनाओं पर आधारित

(1) सादृश्य पर आधारित मुहावरे – बहुत से मुहावरे सादृश्य या समानता पर आधारित होते हैं।
जैसे – चूड़ियाँ पहनना, दाल न गलना, सोने पर सुहागा, कुंदन-सा चमकना, पापड़ बेलना आदि।

(2) शारीरिक अंगों पर आधारित मुहावरे – हिंदी भाषा के अंतर्गत इस वर्ग में बहुत मुहावरे मिलते हैं।
जैसे – अंग-अंग ढीला होना, आँखें चुराना, अँगूठा दिखाना, आँखों से गिरना, सिर हिलाना, उँगली उठाना, छाती पर साँप लोटना, तलवे चाटना, दाँत खट्टे करना, नाक रगड़ना, पीठ दिखाना, मुँह काला करना आदि।

(3) असंभव स्थितियों पर आधारित मुहावरे – इस तरह के मुहावरों में वाच्यार्थ के स्तर पर इस तरह की स्थितियाँ दिखाई देती हैं जो असंभव प्रतीत होती हैं।
जैसे – पानी में आग लगाना, पत्थर का कलेजा होना, जमीन आसमान एक करना, सिर पर पाँव रखकर भागना, हथेली पर सरसों जमाना, हवाई किले बनाना, दिन में तारे दिखाई देना आदि।

(4) कथाओं पर आधारित मुहावरे – कुछ मुहावरों का जन्म लोक में प्रचलित कुछ कथा-कहानियों से होता हैं।
जैसे – टेढ़ी खीर होना, एक और एक ग्यारह होना, हाथों-हाथ बिक जाना, साँप को दूध पिलाना, रँगा सियार होना, दुम दबाकर भागना, काठ में पाँव देना आदि।

(5) प्रतीकों पर आधारित मुहावरे – कुछ मुहावरे प्रतीकों पर आधारित होते हैं।
जैसे – एक आँख से देखना, एक ही लकड़ी से हाँकना, एक ही थैले के चट्टे-बट्टे होना, तीनों मुहावरों में प्रयुक्त ‘एक’ शब्द ‘समानता’ का प्रतीक है।
इसी तरह से डेढ़ पसली का होना, ढाई चावल की खीर पकाना, ढाई दिन की बादशाहत होना, में डेढ़ तथा ढाई शब्द ‘नगण्यता’ के प्रतीक है।

(6) घटनाओं पर आधारित मुहावरे – कुछ मुहावरों के मूल में कोई घटना भी रहती है।
जैसे – काँटा निकालना, काँव-काँव करना, ऊपर की आमदनी, गड़े मुर्दे उखाड़ना आदि।
उपर्युक्त भेदों के अलावा मुहावरों का वर्गीकरण स्रोत के आधार पर भी किया जा सकता है। हिंदी में कुछ मुहावरे संस्कृत से आए हैं, तो कुछ अरबी-फारसी से आए हैं। इसके अतिरिक्त मुहावरों की विषयवस्तु क्या है, इस आधार पर भी उनका वर्गीकरण किया जा सकता है।
जैसे- स्वास्थ्य विषयक, युद्ध विषयक आदि। कुछ मुहावरों का वर्गीकरण किसी क्षेत्र विशेष के आधार पर भी किया जा सकता है।
जैसे- क्रीडाक्षेत्र में प्रयुक्त होने वाले मुहावरे, सेना के क्षेत्र में प्रयुक्त होने वाले मुहावरे आदि।

लोकोक्तियों एवं मुहावरों का महत्त्व – Muhavare in Hindi

भाषा को सशक्त एवं प्रवाहमयी बनाने के लिए लोकोक्तियों एवं मुहावरों का प्रयोग किया जाता है। वार्तालाप के बीच में इनका प्रयोग बहुत सहायक होता है। कभी-कभी तो मात्र मुहावरे अथवा लोकोक्तियों के कथन से ही बात बहुत अधिक स्पष्ट हो जाती है और वक्ता का उद्देश्य भी सिद्ध हो जाता है। इनके प्रयोग से हास्य, क्रोध, घृणा, प्रेम, ईर्ष्या आदि भावों को सफलतापूर्वक प्रकट किया जा सकता है।

लोकोक्तियों और मुहावरों का प्रयोग करने से भाषा में निम्नलिखित गुणों की वृद्धि होती है

  • वक्ता का आशय कम-से-कम शब्दों में स्पष्ट हो जाता है।
  • वक्ता अपने हृदयस्थ भावों को कम-से-कम शब्दों में प्रभावपूर्ण ढंग से सफलतापूर्वक अभिव्यक्त कर देता है।
  • भाषा सबल, सशक्त एवं प्रभावोत्पादक बन जाती है।
  • भाषा की व्यंजना-शक्ति का विकास होता है।

 Hindi Muhavare with Meanings and Sentences – मुहावरे और लोकोक्ति का अर्थ या वाक्य

(1) मुहावरा—मुहावरा अरबी भाषा का शब्द है, जिसका शाब्दिक अर्थ है—’अभ्यास’। हिन्दी में यह शब्द रूढ़ हो गया है, जिसका अर्थ है—“लक्षणा या व्यंजना द्वारा सिद्ध वाक्य, जो किसी एक ही बोली या लिखी जानेवाली भाषा में प्रचलित हो और जिसका अर्थ प्रत्यक्ष अर्थ से विलक्षण हो।”

संक्षेप में ऐसा वाक्यांश, जो अपने साधारण अर्थ को छोड़कर किसी विशेष अर्थ को व्यक्त करे, मुहावरा कहलाता है। इसे ‘वाग्धारा’ भी कहते हैं।

(2) लोकोक्ति-यह शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है—’लोक’ + ‘उक्ति’, अर्थात् किसी क्षेत्र-विशेष में कही हुई बात। इसके अन्तर्गत किसी कवि की प्रसिद्ध उक्ति भी आ जाती है। लोकोक्ति किसी प्रासंगिक घटना पर आधारित होती है। समाज के प्रबुद्ध साहित्यकारों, कवियों आदि द्वारा जब किसी प्रकार के लोक-अनुभवों को एक ही वाक्य में व्यक्त कर दिया जाता है तो उनको प्रयुक्त करना सुगम हो जाता है। ये वाक्य अथवा लोकोक्तियाँ (कहावतें, सूक्ति) गद्य एवं पद्य दोनों में ही देखने को मिलते हैं। इस प्रकार ऐसा वाक्य, कथन अथवा उक्ति, जो अपने विशिष्ट अर्थ के आधार पर संक्षेप में ही किसी सच्चाई को प्रकट कर सके, ‘लोकोक्ति’ अथवा ‘कहावत’ कही जाती है।

मुहावरे और लोकोक्ति में अन्तर-मुहावरा देखने में छोटा होता है, अर्थात् यह पूरे वाक्य का एक अंग-मात्र होता है, साथ ही इसमें लाक्षणिक अर्थ की प्रधानता होती है; जैसे—लाठी खाना। इस वाक्यांश में ‘खाना’ का लक्ष्यार्थ ‘प्रहार सहना’ है; क्योंकि लाठी खाने की चीज नहीं है, परन्तु लोकोक्ति में जिस अर्थ को प्रकट किया जाता है, वह लगभग पूर्ण होता है। उसमें अधूरापन नहीं होता; जैसे-उल्टा चोर कोतवाल को डाँटे। . इस उदाहरण में अर्थ का अधूरापन नहीं है, न वाक्य ही अधूरा है।

मुहावरों और लोकोक्तियों का वाक्यों में प्रयोग साधारणत: देखा जाता है कि मुहावरों और लोकोक्तियों का ‘अर्थ और वाक्य में प्रयोग’ पूछे जाने पर छात्र उनका अर्थ तो बता देते हैं, परन्तु वाक्य में प्रयोग उचित प्रकार से नहीं कर पाते। मुहावरों एवं लोकोक्तियों के प्रयोग में हमें इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि हमारे वाक्य-प्रयोग से उनका अर्थ बिल्कुल स्पष्ट हो जाए। सामान्य रूप से छात्र किसी भी मुहावरे आदि से पूर्व मैं, तुम या किसी व्यक्ति का नाम रखकर वाक्य को पूरा कर देते हैं। इस प्रकार का प्रयोग उचित व अर्थ को स्पष्ट करनेवाला नहीं होता;

जैसे-
(1) अपनी खिचड़ी अलग पकाना-सबसे पृथक् काम करना।
वाक्य-प्रयोग-वह अपनी खिचड़ी अलग पकाता है।

(2) आँखों में धूल झोंकना-धोखा देना।
वाक्य-प्रयोग-तुमने उसकी आँखों में धूल झोंक दी।

उपर्युक्त उदाहरणों से मुहावरों का अर्थ स्पष्ट नहीं हो रहा है। इनके स्थान पर शुद्ध, अर्थपूर्ण और पूर्ण वाक्यों का प्रयोग किया जाना चाहिए।

शुद्ध एवं आदर्श वाक्य-प्रयोग-

  1. अपनी खिचड़ी अलग पकाना-सबसे पृथक् काम करना।
    वाक्य-प्रयोग-हमारी कक्षा के कुछ छात्र पिकनिक मनाने के लिए गए। पिकनिक-स्थल पर जाकर आगे का कार्यक्रम निश्चित हुआ। सर्वप्रथम सभी साथी भोजन की व्यवस्था में लग गए, परन्तु मोहन अकेले ही जंगल में घूमने की जिद करने लगा। सभी ने उससे यही कहा कि तुम अपनी खिचड़ी अलग पकाते हो, यह अच्छी बात नहीं है। सभी लोग साथ चलेंगे।
  2. आँखों में धूल झोंकना-धोखा देना। . वाक्य-प्रयोग हमारे भाई यद्यपि रेलयात्रा में पर्याप्त सतर्क रहते हैं, तथापि लखनऊ के स्टेशन पर किसी ने उनसे 50 रुपये ठगकर उनकी आँखों में धूल झोंक दी।

List of Idioms मूहवारों की सूची

अंग छूना – कसम खाना।
अंग टूटना – शरीर में दर्द होना।
अंग धरना – धारण करना।
अंग लगना – काम में आना।
अंग लगाना – लिपटना।
अंग से अंग चुराना – संकुचित होना।
अंग-अंग ढीले होना – थका होना।
अंगार सिर पर रखना – कष्ट सहना।
अंगारे उगलना – कठोर बात कहना।
अंगारे बरसना – तेज धूप पड़ना।
अंगारों पर लोटना – ईष्या से जलना।
अंगुठा चुसना – खुशामद करना।
अंगूठा दिखाना – तिरस्कारपूर्वक मना करना।
अंगूर खट्टे होना – प्राप्त न होने पर उस वस्तु को बेकार बताना।
अंचल पसारना – नम्रता से मांगना।
अंजर पंजर ढीले होना – अभिमान नष्ट होना अंटी बाज – दगाबाज।
अंटी में रखना – छिपाकर रखना।
अंधा बनना – जान-बूझकर किसी बात पर ध्यान न देना।
अंधे के हाथ बटेर लगना – अनायास ही मनचाही वस्तु मिल जाना।
अंधे के हाथ बटेर लगना – बिना प्रयास भारी चीज पा लेना।
अंधे को चिराग दिखाना – मूर्ख को उपदेश देना।
अंधेर खाता – अव्यवस्था।
अंधेर नगरी – जहां कोई नियम व्यवस्था न हो।
अंधेरे मुंह – पौ फटते।
अ€क्ल का अंधा – मूर्ख, बेवकूफ अ€क्ल का दुश्मन – मूर्ख।
अ€क्ल का पूरा – मूर्ख।
अ€क्ल के घोड़े दौड़ाना – तरह-तरह की कल्पना करना।
अ€क्ल के पीछे लठ लिए फिरना – मूर्खता का काम करना।
अ€क्ल चरने जाना – बुद्धि का न होना।
अ€क्ल चरने जाना – समय पर बुद्धि का काम न करना।
अ€क्ल ठिकाने लगना – होश ठीक होना।
अक्षर से भेंट न होना – अनपढ़ होना।
अदब करना – सम्मान करना।
अपना उल्लू सीधा करना – स्वार्थ सिद्ध करना।
अपना हाथ जगन्नाथ – स्वाधिकार होना।
अपनी की चोट – सामने की चोट।
अपनी खिचड़ी अलग पकाना – सबसे अलग रहना।
अपनी नींद सोना – इच्छानुसार कार्य करना।
अपने मुंह मियां मिट्ठू बनना – अपनी बड़ाई आप करना।
अरण्य रोदन – निष्फल निवेदन।
अरमान निकालना – मन का गुबार पूरा करना।
आंख का तारा होना – बहुत प्रिय होना आंख फेर लेना – प्रतिकूल होना।
आंख बिछाना – प्रतीक्षा करना।
आंख लगना – सो जाना।
आंखों का पानी ढलना – निर्लज्ज बन जाना।
आंखों पर परदा पड़ना – बुद्धि भ्रष्ट होना।
आंखों में धूल झोंकना – धोखा देना।
आंखों में रात कटना – रात-भर जागते रहना।
आंखों में समाना – दिल में बस जाना।
आंच न आने देना – थोड़ी भी हानि न होने देना।
आंचल फैलाना – अति विनम्रता पूर्वक प्रार्थना करना।
आंचल में गांठ बांधना – अच्छी तरह याद कर लेना।
आंधी उठना – हलचल मचना।
आंधी के आम होना – बहुत सस्ती वस्तु मिलना।
आकाश का फूल – अप्राप्य वस्तु।
आकाश कुसुम – अनहोनी बात।
आकाश-पाताल एक करना – कठिन प्रयत्न करना।
आग का पुतला – बहुत क्रोधी।
आग के मोल – बहुत महंगा।
आग पर लोटना – बेचैन होना।
आग बुझा लेना – कसर निकालना।
आग में झोंकना – अनिष्ट में डाल देना।
आग लगने पर कुआं खोदना – पहले से कोई उपाय न कर रखना।
आग से खेलना – जानबूझकर मुसीबत में फंसना।
आग-बबूला होना – गुस्सा होना।
आटे के साथ घुन पिसना – दोषी के साथ निर्दोषी की भी हानि होना।
आड़े हाथ लेना – खरी-खरी सुनाना।
आना-कानी करना – न करने के लिए बहाना करना।
आपे से बाहर होना – अत्यधिक क्रोध से काबू में न रहना।
आसमान के तारे तोडऩा – असंभव कार्य करना।
आसमान सिर पर उठाना – बहुत शोर करना।
आसमान से बातें करना – ऊंची कल्पना करना।
इज्जत बेचना – पैसा लेकर अपनी इज्जत लुटाना।
ईंट का जवाब पत्थर से देना – दुष्ट के साथ दुष्टता का, कठोर के साथ कठोरता का व्यवहार करना।
ईंट से ईंट बज जाना – सर्वनाश हो जाना।
ईद का चांद होना – बहुत अरसे बाद दिखाई देना।
ईमान बेचना – झूठा व्यवहार करना, बेईमानी करना।
उंगलियों पर गिने जा सकना – संख्या में बहुत कम होना।
उंगलियों पर नचाना – इच्छानुसार काम कराना।
उंगली उठना – निंदा होना।
उंगली उठाना – लांछन लगाना।
उंगली पकडक़र पौंहचा पकड़ना – थोड़ा-सा सहारा पाकर विशेष की प्राप्त के लिए प्रयास करना।
उंगली पर नचाना – अपनी इच्छानुसार चलाना।
उड़ती चिड़िया पकड़ना – रहस्य की बात तत्काल जानना।
उड़ती चिड़िया पहचानना – किसी की गुप्त बात जान लेना।
उड़न-छू हो जाना – चला जाना, गायब हो जाना।
उधेड़बुन में रहना – फिक्र में रहना, चिंता करना।
उन्नीस बीस का अंतर होना – बहुत कम अंतर होना।
उम्र ढलना – यौवनावस्था का उतार।
उलटे छुरे से मूड़ना – किसी को उल्लू बनाकर उससे धन ऐंठना या अपना काम निकालना।
उलटे पांव लौटना – तुरंत बिना ठहरे हुए लौट जाना।
उल्टी गंगा बहाना – नियम के विरुद्ध कार्य करना।
उल्टी पट्टी पढ़ाना – बहकाना।
उल्टी माला फेरना – बुरा सोचना।
उल्लू का पट्ठा – निपट मूर्ख।
उल्लू बनाना – मूर्ख बनाना।
उल्लू सीधा करना – स्वार्थ सिद्ध करना।
ऊंच-नीच समझाना – भलाई-बुराई, लाभ-हानि समझाना।
ऊंट के मुंह में जीरा – अधिक आवश्यकता वाले के लिए थोड़ा सामान।
एक आंख न भाना – तनिक भी अच्छा न लगना।
एक आंख से देखना – सबको बराबर समझना।
एक और एक ‚यारह होना – मेल में शक्ति होना।
एक कान सुनना, दूसरे से निकालना – किसी बात पर ध्यान न देना।
एक की दो कहना – थोड़ी बात के लिए बहुत अधिक भला-बुरा कहना।
एक घाट का पानी पीना – एकता और सहनशीलता होना।
एक तीर से दो शिकार करना – एक युक्ति या साधन से दो काम करना।
एक न चलना – कोई युक्ति सफल न होना।
एक मुट्ठी अन्न को तरसना – गरीब होना।
एक लाठी से हांकना – सबके साथ समान व्यवहार करना।
एक ही थैली के चट्टे-बट्टे – एक ही प्रकार के लोग।
एक ही नौका में सवार होना – एक समान परिस्थिति में होना।
एड़ी-चोटी का जोर लगाना – पूरी शक्ति लगाकर कार्य करना।
ओंठ चबाना – क्रोध प्रकट करना।
ओखली में सिर देना – जानबूझकर विपप्ति में फंसना।
औंधी खोपड़ी – बुद्धिहीनता।
कंघी-चोटी करना – श्रृंगार करना, बनाव-सिंगार करना।
कंचन बरसना – बहुत अधिक लाभ होना।
कंठ का हार होना – अत्यंत प्रिय होना।
कंधे से कंधा मिलाना – पूरा सहयोग करना।
कच्चा चबाना – कठोर दंड देना।
कच्चा चिट्ठा खोलना – छिपे हुए दोष बताना।
कच्ची गोली खेलना – अनाड़ीपन, ऐसा काम करना जिससे विफलता हाथ लगे।
कट जाना – बहुत लज्जित होना।
कटी पतंग होना – निराश्रित होना।
कटे पर नमक छिड़कना – दुखी को और दुखी करना।
कठपुतली की तरह नचाना – दूसरों से अपनी इच्छा के अनुसार काम कराना।
कड़वे घूंट पीना – कष्टदायक बात सहन कर जाना।
कन्नी काटना – बचकर निकल जाना।
कबाब में हड्डी – सुखोपभोग में बाधक होना।
कब्र में पांव लटकाना – मौत के निकट आना।
कमर कसना – तैयार होना।
कमर टूटना – हतोत्साहित होना।
करम फूटना – अभागा होना, भाग्य बिगड़ना।
कलई खुलना – पोल खुलना।
कलई खुलना – रहस्य प्रकट होना।
कलेजा छलनी होना – बहुत दुखी होना।
कलेजा ठंडा होना – संतोष होना।
कलेजा थामना – दुख सहने के लिए कलेजा कड़ा करना।
कलेजा निकालकर रख – सब कुछ समर्पित कर देना देना।
कलेजा पसीजना – दया आना।
कलेजा बैठना – घोर दुख होना।
कलेजा मुंह को आना – घबरा जाना।
कलेजे का टुकड़ा – अत्यधिक प्रिय होना।
कलेजे पर पत्थर रखना – चुपचाप सहन करना।
कलेजे पर सांप लोटना – ईर्ष्या से जलना।
कलेजे में आग लगना – दुख देना।
कसौटी पर कसना – अच्छी तरह जांच करना।
कहा-सुनी हो जाना – झगड़ा होना।
कहीं का न रखना – निराश्रय कर देना।
कांटा निकालना – बाधा या खटका दूर करना।
कांटा बोना – बुराई करना।
कांटे बिछाना – मार्ग में बाधा पैदा करना।
कांटों में घसीटना – बहुत दुख देना।
कागज की नाव – न टिकने वाली वस्तु।
कागजी घोड़े दौड़ाना – बहुत पत्र व्यवहार करना।
काटो तो खून नहीं – स्तŽध हो जाना।
काठ का उल्लू – महामूर्ख।
कान कतरना – बहुत चतुर होना।
कान का कच्चा – हर किसी बात पर विश्वास करने वाला।
कान खड़े होना – सावधान होना।
कान पर जूं न रेंगना – असर न होना।कान भरना – चुगली करना।कान में फूंक मारना – प्रभावित करना।कानों में अंगुली डालना – सुनने की इच्छा न होना।कानों में तेल डालना – ध्यान न देना।काया पलट होना – रूप, गुण, दशा, स्थिति आदि का पूरी तरह बदल जाना।कारूं का खजाना – अतुल धनराशि।काला धन – बेईमानी से कमाया हुआ धन।काले कोसों – बहुत दूर।किला फतह करना – अत्यंत कठिन काम करना।किसी के आगे पानी भरना – किसी की तुलना में फीका पड़ना।किसी को न गिनना – सबको कमतर समझना।किसी खूंटे से बांधना – किसी के साथ विवाह करना।किसी पर बरस पड़ना – एकाएक किसी से क्रोधपूर्वक बातें करना।किसी पर हाथ छोड़ देना – मारना-पीटना।किस्मत का फेर – अभाग्य, दुर्भाग्य, जमाने का उलट-फेर।कीड़े काटना – बेचैनी होना।कुएं का मेढ़क – कम अनुभवी व्यक्ति।कुएं में बांस डालना – बहुत दूर तक खोज करना।कुएं में भांग पड़ना – सब की बुद्धि मारी जाना।कुत्ता काटना – पागल होना।कृपा होना – बहुत प्रसन्ना होना।कोढ़ में खाज – संकट पर संकट।कोर-कसर न रखना – हर संभव प्रयास करना।कोरा जवाब देना – साफ इंकार करना।कोल्हू का बैल – कड़ी मेहनत करते रहने वाला।कौड़ियों के मोल बिकना – बहुत कम दाम पर बिकना।खटाई में पड़ना – काम में रुकावट आना।खाक छानना – दर-दर भटकना।खाक फांकना – इधर-उधर मारा-मारा फिरना।खाक में मिलना – नष्ट हो जाना।खाक में मिलाना – नष्ट कर देना।खिचड़ी पकाना – गुप्त रूप से षड्यंत्र रचना।खीस निपोरना – कृपा की प्रार्थना करना।खुदा की पनाह – ईश्वर बचाए।खून का घूट पीना – क्रोध को अंदर ही अंदर सहना।खून के आंसू रुलाना – बहुत अधिक सताना।खून खौलना – जोश में आना।खून सफेद हो जाना – दया न रह जाना।खून सूखना – डर जाना।खून-खच्चर होना – लड़ाई-झगड़ा होना।खून-पसीना एक करना – बहुत परिश्राम करना।खोद-खोदकर पूछना – अनेक सवाल पूछना।खोपड़ी भिनभिनाना – तंग आना।ख्याली पुलाव बनाना – कपोल कल्पनाएं करना।गंगा नहाना – कर्तव्य और दायित्व पूरा करके निश्चिंत होना, सब झंझटों से छुटकारा पाना।गच्चा खाना – धोखा खाना।गज भर की छाती होना – बहुत उत्साह होना।गड़े मुर्दे उखाड़ना – पिछली बुरी बातें याद करना।गर्दन पर सवार होना – पीछे पड़े रहना।गले का हार – अत्यंत प्रिय।गले पड़ना – पीछे पड़े रहना।गले बांधना – इच्छा के विरुद्ध सौंपना।गहरा पेट – जिसका भेद न मिले।गांठ का पूरा – धनी।गांठ खोलना – अड़चन दूर करना।गांठ बांधना – याद रखना।गागर में सागर भरना – थोड़े में बहुत कुछ कहना।गाजर-मूली समझना – तुच्छ समझना।गाढ़ी कमाई – कड़ी मेहनत से कमाया हुआ धन।गाढ़ी छनना – घनिष्ठ मित्रता।गाल बजाना – बढ़-चढ़कर बातें करना।गिरगिट की तरह रंग बदलना – अपना मत, व्यवहार, वृत्तििा बदलते रहना।गीदड़ भभकी – दिखावटी धमकी।गुड़-गोबर करना – बना बनाया काम बिगाड़ देना।गुदड़ी का लाल होना – छुपी हुई प्रतीभा।गुरु घंटाल – दुष्टों का नेता।गुल खिलाना – ऐसा कार्य करना जो दूसरों को उचित न लगे।गूंगे का गुड़ – वह सुख का अनुभव जिसका वर्णन न किया जा सके।गूलर का कीड़ा – अल्पज्ञा व्यक्ति।गूलर का फूल – दुर्लभ का व्यक्ति या वस्तु।गेहूं के साथ घुन पिसना – दोषी के साथ निर्दोष पर भी संकट आना।गोबर गणेश – निरा मूर्ख।घड़ी में तोला घड़ी में माशा – अस्थिर चित्त वाला व्यक्ति।घड़ों पानी पड़ना – बहुत लज्जित होना।घर फूंककर तमाशा – खुद का नुकसान करके देखना मौज करना।घर में गंगा बहाना – बिना कठिनाई के कोई अच्छी वस्तु पास में ही मिल जाना।घाट-घाट का पानी पीना – बहुत अनुभवी होना।घाव पर नमक छिड़कना – दुखी को और दुख देना।घाव हरा होना – भूला हुआ दुख फिर याद आ जाना।घास खोदना – व्यर्थ समय गंवाना।घास न डालना – सहायता न करना।घी के दिये जलाना – बहुत खुशियां मनाना।घुटने टेक देना – हार मान लेना।घूंघट का पट खोलना – अज्ञान का परदा दूर करना।घोड़ा बेंचकर सोना – निश्चिंत होना।चंद्रमा बलवान होना – भाग्य अनुकूल होना।चट कर जाना – सबका सब का जाना।चप्पा-चप्पा छान मारना – हर जगह ढूंढ लेना।चरणों की धूल – किसी की तुलना में अत्यंत नगग्य व्यक्ति।चलता करना – भगा देना।चलती च€की में रोड़ा अटकाना – कार्य में बाधा डालना।चांदी कटना – खूब लाभ होना।चांदी का जूता – घूस का धन।चांदी होना – लाभ ही लाभ होना।चादर तानकर सोना – निश्चिंत होना।चादर देखकर पांव फैलाना – आय के अनुसार व्यय करना।चादर से बाहर पैर पसारना – आमदनी से अधिक खर्च करना।चार चांद लगना – सौंदर्य की वृद्धि करना।चार दिन की चांदनी – अस्थायी वैभव।चिकना घड़ा होना – कोई प्रभाव न पडऩा।चिकनी-चुपड़ी बातें करना – चापलूसी करना।चिड़िया का दूध – अप्राप्य वस्तु।चिराग तले अंधेरा – दूसरों को उपदेश देना लेकिन खुद अच्छा आचरणा नहीं करना।चींटी के पर निकलना – नष्ट होने के करीब होना।चुटिया हाथ में होना – वश में होना।चुल्लू भर पानी में डूब मरना – लज्जा का अनुभव करना।चूड़ियां पहनना – कायर बनना।चूना लगाना – ठग लेना।चूना लगाना – धोखा देना।चेहरे पर हवाइयां उड़ना – घबरा जाना।चैन की बंशी बजाना – सुख से रहना।चोटी का – सर्वोत्तम।चौदहवीं का चांद – बहुत सुंदर।छ€क्के छुड़ाना – बुरी तरह हरा देना।छठी का दूध याद आना – घोर संकट में पड़ना।छप्पर फाड़कर देना – अचानक लाभ होना।छाती पर पत्थर रखना – चुपचाप दुख सहन करना।छाती पर मूंग दलना – बहुत परेशान करना।छाती पर सांप लोटना – बहुत ईर्ष्या करना।छूमंतर होना – गायब हो जाना।छोटे मुंह बड़ी बात करना – अपनी हैसियत से ज्यादा बात कहना।जंगल में मंगल होना – उजाड़ में चहल-पहल होना।जबान पर चढ़ना – याद आना।जबान में लगाम न होना – बेमतलब बोलते जाना।जमीन आसमान एक करना – सब उपाय कर डालना।जमीन पर पैर न रखना – अधिक घमंड करना।जलती आग में कूदना – विपत्ति में पड़ना।जलती आग में घी डालना – और भडक़ाना।जहर उगलना – कड़वी बातें करना।जहर का घूंट पीना – असह्य बात सहन कर लेना।जान के लाले पड़ना – गंभीर संकट में पड़ना।जान पर खेलना – मुसीबत में रहकर काम करना।जान हथेली पर रखना – प्राणों की परवाह न करना।जी का जंजाल – व्यर्थ का झंझट।जी चुराना – किसी काम से दूर भागना।जीती म€क्खी निगलना – जानबूझकर बेईमानी करना।जूतियों में दाल बांटना – लड़ाई झगड़ा हो जाना।जोड़-तोड़ करना – उपाय करना।झक मारना – व्यर्थ परिश्रम करना।झाड़ू फिराना – सब कुछ बर्बाद कर देना।झोली भरना – अपेक्षा से अधिक देना।टका-सा जवाब देना – रूखा जवाब देना या मना करना।टका-सा मुंह लेकर रह जाना – लज्जित हो जाना।टांय-टांय फिस हो जाना – काम बिगड़ जाना।टूट पड़ना – सहसा आक्रमण कर देना।टेढ़ी उंगली से घी निकालना – शक्ति से कार्य सिद्ध करना।टेढ़ी खीर – कठिन काम।टोपी उछालना – अपमान करना।ठंडा पड़ना – क्रोध शांत होना।ठीकरा फोड़ना – दोष लगाना।ठोकर खाना – हानि उठाना।डंका बजाना – प्रभाव जमाना।डंके की चोट कहना – स्पष्ट कहना।डकार जाना – माल पचा जाना।ढाई दिन की बादशाहत – थोड़े दिन की मौज।ढिंढोरा पीटना – सबको बताना।ढोल में पोल होना – सारहीन।तार-तार होना – पूरी तरह फट जाना।तारे गिनना – रात को नींद न आना।तितर-बितर होना – बिखर कर भाग जाना।तिल का ताड़ करना – बढ़ा चढ़ाकर बातें करना।तीन का तेरह होना – अलग-अलग होना।तूती बोलना – खूब प्रभाव होना।तेवर चढ़ाना – गुस्सा होना।थाह लेना – पता लगाना।दमड़ी के लिए चमड़ी उधेड़ना– मामूली सी बात के लिए भारी दंड देना।दांत उखाड़ना – कड़ा दंड देना।दांत काटी रोटी होना – घनिष्ठ मित्रता।दांत खट्टे करना – हराना।दांत पीसना – क्रोध करना।दांत फाड़ना – हंसना।दांतों तले उंगली दबाना – आश्चर्य करना।दाना-पानी उठना – जगह छोडऩा।दाल न गलना – सफल न होना।दाल में काला होना – संदेहपूर्ण होना।दाहिना हाथ होना – अत्त विश्वासपात्र बनना।दिन दूनी रात चौगुनी होना – बहुत जल्दी-जल्दी होना।दिन में तारे दिखाई देना – अजीब हालत होना।दिन-रात एक करना – खूब परिश्रम करना।दूध का दूध और पानी का पानी – उचित न्याय करना।दूध का धुला होना – निर्दोष या निष्कलंक होना।दूध के दांत न टूटना – ज्ञान और अनुभव का न होना।दृष्टि फेरना – अप्रसन्न होना।दो दिन का मेहमान – जल्दी मरने वाला।दो नावों पर पैर रखना – एक साथ दो लक्ष्यों को पाने की चेष्टा करना।दौड़-धूप करना – कठोर श्रम करना।धज्जियां उड़ाना – नष्ट-भ्रष्ट करना।धरती पर पांव न पड़ना – अभिमान में रहना।धूप में बाल सफेद करना – अनुभवहीन होना।धूल फांकना – व्यर्थ में भटकना।नमक मिर्च लगाना – बढ़ा-चढ़ाकर कहना।नाक कटना – बदनामी होना।नाक का बाल होना – किसी के ज्यादा निकट होना।नाक पर म€क्खी न बैठने देना – अपने पर आंच न आने देना।नाक में दम करना – बहुत तंग करना।नाक रखना – मान रखना।नाक रगड़ना – दीनता दिखाना।नाकों चने चबाना – बहुत तंग करना।नानी याद आना – कठिनाई में पड़ना।निन्यानवें के फेर में पड़ना – पैसा जोड़ने के च€कर में पड़ना।नीला-पीला होना – गुस्से होना।नौ दिन चले अढ़ाई कोस – बहुत धीमी गति से कार्य करना।नौ दो‚ग्यारह होना – भागना।पगड़ी उछालना – बेइज्जत करना।पहाड़ टूट पडऩा – भारी विपत्ति आ जाना।पांचों उंगलियां घी में होना – सब ओर से लाभ होना।पांव उखड़ना – हारकर भाग जाना।पानी का मोल होना – बहुत सस्ता।पानी फेर देना – निराश कर देना।पानी भरना – तुच्छ लगना।पानी-पानी होना – लज्जित होना।पीठ दिखाना – भाग जाना।पेट काटना – खुद पर थोड़ा खर्च करना।पेट बांधकर रहना – भूखे रहना।पेट में चूहे दौड़ना – भूख लगना।पेट में दाढ़ी होना – दिखने में सीधा, लेकिन चालाक होना।पैर चूमना – खुशामद करना।पैर जमीन पर न टिकना – बहुत प्रसन्न होना।पैरों तले से जमीन खिसक जाना – होश उड़ जाना।पौ बारह होना – खूब लाभ होना।प्राण हथेली पर लिए फिरना – जीवन की परवाह न करना।फूंक-फूंककर कदम रखना – सावधानी बरतना।फूटी आंख न सुहाना – अच्छा न लगना।फूलकर कूप्पा होना – बहुत खुश या बहुत नाराज होना।फूला न समाना – अत्यधिक खुश होना।बखिया उधेड़ना – भेद खोलना।बट्टा लगना – कलंक लगना।बांए हाथ का खेल – बहुत सरल काम।बांछे खिल जाना – अत्यंत प्रसन्न होना।बाजार गर्म होना – धंधा तेज होना।बात का धनी होना – वचन का प€का होना।बाल की खाल निकालना – बहुत तर्क-वितर्क करना।बाल बांका न होना – कुछ भी नुकसान न होना।बिल्ली के गल्ले घंटी बांधना – खुद को मुसीबत में डालना।बेपेंदी लोटा – पक्ष बदलने वाला।भंडा फोडऩा – भेद खोल देना।भाड़ झोंकना – समय व्यर्थ खोना।भाड़े का टट्टू – पैसे लेकर काम करने वाला।भीगी बिल्ली बनना – सहम जाना।भैंस के आगे बीन बजाना – मूर्ख आदमी को उपदेश देना।मन के लड्डू – कल्पना करना।मन हारना – हिम्मत हारना।मिट्टी का माधो – बिल्कुल बुद्धू।मिट्टी खराब करना – बुरा हाल करना।मिट्टी में मिल जाना – बर्बाद होना।मुंह उतरना – उदास होना।मुंह खून लगना – आदत पड़ जाना।मुंह ताकना – किसी पर आश्रित होना।मुंह में पानी भर आना – खाने की इच्छा होना।मुट्ठी गर्म करना – रिश्वत देना।मुट्ठी में होना – वश में होना।मोहर लगा देना – पुष्टि करना।रंग उडऩा – घबरा जाना।रंग बदलना – परिवर्तन होना।रंग में भंग पड़ना – आनंदपूर्वक कार्य में बाधा पड़ना।राई का पहाड़ बनाना – बात को बढ़ा-चढ़ाकर प्रस्तुत करना।रोंगटे खड़े होना – डर से रोमांचित होना।रोड़ा अटकाना – बाधा डालना।रोम-रोम खिल उठना – प्रसन्न होना।लंगोटी में फाग खेलना – गरीबी में आनंद लूटना।लकीर का फकीर होना – परंपरावादी मानना।लकीर पीटना – पुरानी रीति पर चलना।लड़ाई मोल लेना – झगड़ा पैदा करना।लहू का घूट पीना – अपमान सहन करना।लुटिया डुबोना – काम बिगाड़ना।लेने के देने पड़ना – लाभ के स्थान पर हानि होना।लोहा मानना – किसी की ताकत स्वीकार करना।लोहे के चने चबाना – मुश्किल काम करना।विष उगलना – द्येषपूर्ण बातें करना।शैतान की आंत – लंबी बात।शैतान के कान कतरना – बहुत चालाक होना।श्रीगणेश करना – शुरु करना।सŽब्ज बाग दिखाना – कोरा लोभ देकर बहकाना।सांप को दूध पिलाना – दुष्ट की रक्षा करना।सांप सूंघ् जाना – चुप हो जाना।सांप-छछूंदर की गति होना – दुविधा की दशा होना।सिर आंखों पर रखना – आदर सहित आज्ञा मानना।सिर उठाना – विद्रोह करना।सिर ओखली में देना – जान-बूझकर मुसीबत मोल लेना।सिर चढ़ाना – अधिक लाड़ लड़ाना।सिर धुनना – पछताना।सिर नीचा करना – लज्जित करना।सिर पर कफन बांधना – बलिदान के लिए तैयार होना।सिर पर खून सवार होना – मरने-मारने को तैयार होना।सिर पर चढ़ाना – मनमानी करने की छूट देना।सिर पर पांव रखकर भागना – तेजी से भागना।सिर पर भूत सवार होना – धुन लगाना।सिर पर हाथ होना – सहारा होना।सिर मढ़ना – जिम्मे लगाना।सिर मुंड़ाते ओले पड़ना – काम शुरू होते ही बाधा आना।सिर से पानी गुजरना – सहनशीलता समाप्त होना।सींग काटकर बछड़ों में मिलना – बूढ़े होकर भी बच्चो की तरह काम करना।सोने पर सुहागा होना – अच्छी वस्तु का और अधिक अच्छा होना।हथेली पर जान लिए फिरना – मरने की परवाह न करना।हथेली पर सरसों उगना – कम समय में बड़ा काम करना।हवा का रुख पहचानना – अवसर पहचानना।हवा पलटना – समय बदल जाना।हवा से बातें करना – बहुत तेज दौड़ना।हवाई किले बनाना – कोरी कल्पना करना।हाथ का मैल – साधारण चीज।हाथ को हाथ न सूझना – घना अंधकार होना।हाथ खाली होना – रुपया-पैसा न होना।हाथ खींचना – साथ न देना।हाथ डालना – शुरू करना।हाथ धोकर पीछे पड़ना – पीछा न छोड़ना।हाथ पे हाथ धरकर बैठना – बिना काम के बैठे रहना।हाथ फैलाना – मांगना।हाथ मलना – पछताना।हाथ में करना – अपने वश में करना।हाथ साफ करना – चोरी करना।हाथ-पांव फूलना – घबरा जाना।हाथ-पांव मारना – कोशिश करना।

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