सर्वनाम (PRONOUN) और उसके भेद (Types)

संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त होने वाले शब्द को सर्वनाम (PRONOUN) कहते है। संज्ञा की पुनरुक्ति न करने के लिए सर्वनाम (PRONOUN) का प्रयोग किया जाता है। जैसे – मैं, तू, तुम, आप, वह, वे आदि।

Or

सर्वनाम (PRONOUN) उस विकारी शब्द को कहते है, जो पूर्वापरसंबध से किसी भी संज्ञा के बदले आता है।

Or

 सर्व (सब) नामों (संज्ञाओं) के बदले जो शब्द आते है, उन्हें ‘सर्वनाम’ कहते हैं।

सर्वनाम (PRONOUN) यानी सबके लिए नाम। इसका प्रयोग संज्ञा के स्थान पर किया जाता है। आइए देखें, कैसे? राधा सातवीं कक्षा में पढ़ती है। वह पढ़ाई में बहुत तेज है। उसके सभी मित्र उससे प्रसन्न रहते हैं। वह कभी-भी स्वयं पर घमंड नहीं करती। वह अपने माता-पिता का आदर करती है। आपने देखा कि ऊपर लिखे अनुच्छेद में राधा के स्थान पर वह, उसके, उससे, स्वयं, अपने आदि शब्दों का प्रयोग हुआ है। अतः ये सभी शब्द सर्वनाम (PRONOUN) हैं।  सर्वनाम (PRONOUN) सार्थक शब्दों के आठ भेदों में एक भेद है।  व्याकरण में सर्वनाम (PRONOUN) एक विकारी शब्द है।

सर्वनाम (PRONOUN) के छह प्रकार के भेद हैं-

  1. पुरुषवाचक (व्यक्तिवाचक) सर्वनाम।
  2. निश्चयवाचक सर्वनाम।
  3. अनिश्चयवाचक सर्वनाम।
  4. संबन्धवाचक सर्वनाम।
  5. प्रश्नवाचक सर्वनाम।
  6. निजवाचक सर्वनाम।
  1. पुरुषवाचक सर्वनाम (PERSONAL PRONOUN)

जिस सर्वनाम (PRONOUN) का प्रयोग वक्ता या लेखक द्वारा स्वयं अपने लिए अथवा किसी अन्य के लिए किया जाता है, वह ‘पुरुषवाचक (व्यक्तिवाचक्) सर्वनाम’ कहलाता है। पुरुषवाचक (व्यक्तिवाचक) सर्वनाम (PRONOUN) तीन प्रकार के होते हैं-

    पुरुषवाचक सर्वनाम (PERSONAL PRONOUN) के प्रकार

पुरुषवाचक सर्वनाम (PERSONAL PRONOUN) तीन प्रकार के होते है-

(i)उत्तम पुरुषवाचक

(ii)मध्यम पुरुषवाचक

(iii)अन्य पुरुषवाचक

(i)उत्तम पुरुषवाचक(First Person):-जिन सर्वनामों का प्रयोग बोलने वाला अपने लिए करता है, उन्हें उत्तम पुरुषवाचक कहते है।

जैसे- मैं, हमारा, हम, मुझको, हमारी, मैंने, मेरा, मुझे आदि।

उदाहरण-     मैं कल सुबह नानी के घर जाऊंगा।

    मैं कक्षा चार में पढता हु।

    मेरा नाम राम है।

    मेरे पास चार पेंसिल है।

    मैंने खाना खा लिया।

    मुझे पता है पिताजी विद्यालय गए है।

    मेरा घर दिल्ली में है।

    हमे कुछ देर और खेलना चाहिए।

    हम सब दोस्त खूब खेलते है।

    मुझे आम पसंद है।

(ii) मध्यम पुरुषवाचक(Second Person) :-जिन सर्वनामों का प्रयोग सुनने वाले के लिए किया जाता है, उन्हें मध्यम पुरुषवाचक कहते है।

जैसे- तू, तुम, तुम्हे, आप, तुम्हारे, तुमने, आपने आदि।

उदाहरण- तुमने गृहकार्य नहीं किया है।

तुम सो जाओ।

तुम्हारे पिता जी क्या काम करते हैं ?

तू घर देर से क्यों पहुँचा ?

तुमसे कुछ काम है।        

    तू राम का भाई है।

    तुम कल स्कुल जाओगे।

    तुम मेरे घर आना हम साथ मिल कर चलेंगे।

    तुमको अपने घर जाना चाहिए।

    तुझे पता भी है मेरे पास कितने पैसे है।

    आप बाजार से मेरे लिए फल लाना।

    आपको कल मेरे विद्यालय चलना है।

    आपको पता है मुझ क्या पसंद है।

    आपके नाम से मेरे दोस्त की याद आ गयी।

    तुमको कल बताया था परीक्षा होंगी।

(iii)अन्य पुरुषवाचक (Third Person):-जिन सर्वनाम शब्दों का प्रयोग किसी अन्य व्यक्ति के लिए किया जाता है, उन्हें अन्य पुरुषवाचक कहते है।

जैसे- वे, यह, वह, इनका, इन्हें, उसे, उन्होंने, इनसे, उनसे आदि।

उदाहरण- वे मैच नही खेलेंगे।

उन्होंने कमर कस ली है।

वह कल विद्यालय नहीं आया था।

उसे कुछ मत कहना।

उन्हें रोको मत, जाने दो।

इनसे कहिए, अपने घर जाएँ।

    यह उसकी पुस्तक है।

    वह कल जायेगा।

    उनसे कल मिला था आज मिल जायेगा।

    इन्हे देखो हमेशा खेलते रहते है।

    उन्हें पता था हम आएंगे।

    इसने उसे बताया था कल परीक्षा होगी।

    वह कह रहा था कल बारिश होगी।

  • निश्चयवाचक सर्वनाम

जो (शब्द) सर्वनाम (PRONOUN) किसी व्यक्ति, वस्तु आदि की ओर निश्चयपूर्वक संकेत करें वे निश्चयवाचक सर्वनाम (PRONOUN) कहलाते हैं। जैसे- ‘यह’, ‘वह’, ‘वे’ सर्वनाम (PRONOUN) शब्द किसी विशेष व्यक्ति का निश्चयपूर्वक बोध करा रहे हैं, अतः ये निश्चयवाचक सर्वनाम (PRONOUN) हैं।

उदाहरण-

        यह पुस्तक सोनी की है

        ये पुस्तकें रानी की हैं।

        वह सड़क पर कौन आ रहा है।

                    वे सड़क पर कौन आ रहे हैं।

       वाक्यों में इनका प्रयोग देखिए-

तनुज का छोटा भाई आया है।

यह बहुत समझदार है।

किशोर बाजार गया था, वह लौट आया है।

निश्चयवाचक सर्वनाम के भेद

निश्चयवाचक सर्वनाम दो प्रकार का होता है- दूरवर्ती निश्चयवाचक सर्वनाम और निकटवर्ती निश्चयवाचक सर्वनाम।

(a) दूरवर्ती निश्चयवाचक सर्वनाम

जो शब्द दूर वाली वस्तुओं की ओर निश्चित रूप से संकेत करते हैं उन्हें दूरवर्ती निश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं। ‘वह’ दूर के पदार्थ की ओर संकेत करता है, इसलिए इसे दूरवर्ती निश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं।

जैसे- वह मेरी पैन है। वे किताब हैं।

इसमें वह और वे दूर वाली वस्तुओं का बोध करा रहे हैं।

(b) निकटवर्ती निश्चयवाचक सर्वनाम

जो शब्द निकट या पास वाली वस्तुओं का निश्चित रूप से बोध कराये उन्हें निकटवर्ती निश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं। ‘यह’ निकट के पदार्थ की ओर संकेत करता है, इसलिए इसे निकटवर्ती निश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं।

जैसे- यह मेरी पैन है। ये मुझे बहुत पसंद है।

इसमें यह और ये निकट वाली वस्तु का बोध करा रही है।

निश्चयवाचक सर्वनाम संबंधी अन्य तथ्य

(a) दो संज्ञाओं में से पहली के लिए ‘यह’ और दूसरी के लिए ‘वह’ का प्रयोग किया जाता है। जैसे- कोयल और कौए में यही भेद है कि यह मधुर बोलता है और वह कुवचन।

(b) ‘यह’ शब्द कभी-कभी वाक्य या वाक्यांश की ओर भी संकेत करता है। जैसे- जन-मन-गन—यह हमारा राष्ट्रीय गीत है।

(c) ‘वह’ का पुराना रूप ‘सो’ है, इसका प्रयोग आज भी कभी-कभी होता है।

  1. अनिश्चयवाचक सर्वनाम

जिन सर्वनाम (PRONOUN) शब्दों के द्वारा किसी निश्चित व्यक्ति अथवा वस्तु का बोध न हो वे अनिश्चयवाचक सर्वनाम (PRONOUN) कहलाते हैं। जैसे- ‘कोई’ और ‘कुछ’ आदि सर्वनाम (PRONOUN) शब्द। इनसे किसी विशेष व्यक्ति अथवा वस्तु का निश्चय नहीं हो रहा है। अतः ऐसे शब्द अनिश्चयवाचक सर्वनाम (PRONOUN) कहलाते हैं।

उदाहरण-

        द्वार पर कोई खड़ा है।

        कुछ पत्र देख लिए गए हैं और कुछ देखने हैं।

  1. संबन्धवाचक सर्वनाम

परस्पर सबन्ध बतलाने के लिए जिन सर्वनामों का प्रयोग होता है उन्हें संबन्धवाचक सर्वनाम (PRONOUN) कहते हैं। जैसे- ‘जो’, ‘वह’, ‘जिसकी’, ‘उसकी’, ‘जैसा’, ‘वैसा’ आदि।

उदाहरण-

        जो सोएगा, सो खोएगा; जो जागेगा, सो पावेगा।

        जैसी करनी, तैसी पार उतरनी।

  • प्रश्नवाचक सर्वनाम

जो सर्वनाम (PRONOUN) संज्ञा शब्दों के स्थान पर भी आते है और वाक्य को प्रश्नवाचक भी बनाते हैं, वे प्रश्नवाचक सर्वनाम (PRONOUN) कहलाते हैं। जैसे- क्या, कौन आदि।

उदाहरण-

    तुम्हारे घर कौन आया है?

    दिल्ली से क्या मँगाना है?

  • निजवाचक सर्वनाम

जहाँ स्वयं के लिए ‘आप’, ‘अपना’ अथवा ‘अपने’, ‘आप’ शब्द का प्रयोग हो वहाँ निजवाचक सर्वनाम (PRONOUN) होता है। इनमें ‘अपना’ और ‘आप’ शब्द उत्तम, पुरुष मध्यम पुरुष और अन्य पुरुष के (स्वयं का) अपने आप का ज्ञान करा रहे शब्द हें जिन्हें निजवाचक सर्वनाम (PRONOUN) कहते हैं।

जहाँ ‘आप’ शब्द का प्रयोग श्रोता के लिए हो वहाँ यह आदर-सूचक मध्यम पुरुष होता है और जहाँ ‘आप’ शब्द का प्रयोग अपने लिए हो वहाँ निजवाचक होता है।

उदाहरण-

    राम अपने दादा को समझाता है।

    श्यामा आप ही दिल्ली चली गई।

    राधा अपनी सहेली के घर गई है।

    सीता ने अपना मकान बेच दिया है।

आप कल दफ्तर नहीं गए थे। (मध्यम पुरुष- आदरसूचक)

आप मेरे पिता श्री बसंत सिंह हैं। (अन्य पुरुष-आदरसूचक-परिचय देते समय)

ईश्वर भी उन्हीं का साथ देता है, जो अपनी मदद आप करता है। (निजवाचक सर्वनाम)

निजवाचक सर्वनाम ‘आप’ का प्रयोग निम्नलिखित अर्थो में होता है-

(क) निजवाचक ‘आप’ का प्रयोग किसी संज्ञा या सर्वनाम के अवधारण (निश्र्चय) के लिए होता है। जैसे- मैं ‘आप’ वहीं से आया हूँ; मैं ‘आप’ वही कार्य कर रहा हूँ।

(ख) निजवाचक ‘आप’ का प्रयोग दूसरे व्यक्ति के निराकरण के लिए भी होता है। जैसे- उन्होंने मुझे रहने को कहा और ‘आप’ चलते बने; वह औरों को नहीं, ‘अपने’ को सुधार रहा है।

(ग) सर्वसाधारण के अर्थ में भी ‘आप’ का प्रयोग होता है। जैसे- ‘आप’ भला तो जग भला; ‘अपने’ से बड़ों का आदर करना उचित है।

(घ) अवधारण के अर्थ में कभी-कभी ‘आप’ के साथ ‘ही’ जोड़ा जाता है। जैसे- मैं ‘आप ही’ चला आता था; यह काम ‘आप ही’; मैं यह काम ‘आप ही’ कर लूँगा।

सर्वनाम (PRONOUN) शब्दों के विशेष प्रयोग

    आप, वे, ये, हम, तुम शब्द बहुवचन के रूप में हैं, किन्तु आदर प्रकट करने के लिए इनका प्रयोग एक व्यक्ति के लिए भी किया जाता है।

    ‘आप’ शब्द स्वयं के अर्थ में भी प्रयुक्त हो जाता है। जैसे- मैं यह कार्

सर्वनाम के रूपांतरण

सर्वनामों का रूपांतरण पुरुष, वचन और कारक की दृष्टि से होता है। इनमें लिंगभेद के कारण रूपांतरण नहीं होता। जैसे-

(क) वह खाता है।

(ख) वह खाती है।

इसलिए सर्वनाम शब्दों का स्त्रीलिंग और पुल्लिंग में एक ही रूप होता है। केवल संबंधकारक में कुछ एक सर्वनामों से लिंगभेद प्रगट होता है। जैसे- मेरा-मेरी, तेरा-तेरी, हमारा-हमारी, तुम्हारा-तुम्हारी।

संज्ञाओं के समान सर्वनाम के भी दो वचन होते हैं- एकवचन और बहुवचन। पुरुषवाचक और निश्चयवाचक सर्वनाम को छोड़ शेष सर्वनाम विभक्तिरहित बहुवचन में एकवचन के समान रहते हैं।

सर्वनाम में केवल सात कारक होते हैं, संबोधन कारक नहीं होता। कारकों की विभक्तियाँ लगने से सर्वनामों के रूप में विकृति आ जाती है। जैसे-

मैं- मुझको, मुझे, मुझसे, मेरा

तुम- तुम्हें, तुम्हारा

हम- हमें, हमारा

वह- उसने, उसको उसे, उससे, उसमें, उन्होंने, उनको

यह- इसने, इसे, इससे, इन्होंने, इनको, इन्हें, इनसे

कौन- किसने, किसको, किसे

सर्वनाम की कारक-रचना (रूप-रचना)

संज्ञा शब्दों की तरह सर्वनाम शब्दों की भी रूप-रचना होती। सर्वनाम शब्दों के प्रयोग के समय जब इनमें कारक चिह्नों का प्रयोग किया जाता है, तो इनके रूप में परिवर्तन आ जाता है।

मैं (उत्तमपुरुष)

कारक    एकवचन               बहुवचन

कर्ता       मैं, मैंने    हम, हमने

कर्म        मुझे, मुझको          हमें, हमको

करण      मुझसे     हमसे

संप्रदान  मुझे, मेरे लिए        हमें, हमारे लिए

अपादान मुझसे     हमसे

संबंध      मेरा, मेरे, मेरी        हमारा, हमारे, हमारी

अधिकरण             मुझमें, मुझपर       हममें, हमपर

तू (मध्यमपुरुष)

कारक    एकवचन               बहुवचन

कर्ता       तू, तूने     तुम, तुमने, तुमलोगों ने

कर्म        तुझको, तुझे           तुम्हें, तुमलोगों को

करण      तुझसे, तेरे द्वारा     तुमसे, तुम्हारे से, तुमलोगों से

संप्रदान  तुझको, तेरे लिए, तुझे          तुम्हें, तुम्हारे लिए, तुमलोगों के लिए

अपादान तुझसे      तुमसे, तुमलोगों से

संबंध      तेरा, तेरी, तेरे         तुम्हारा-री, तुमलोगों का-की

अधिकरण             तुझमें, तुझपर        तुममें, तुमलोगों में-पर

वह (अन्यपुरुष)

कारक    एकवचन               बहुवचन

कर्ता       वह, उसने              वे, उन्होंने

कर्म        उसे, उसको          उन्हें, उनको

करण      उससे, उसके द्वारा               उनसे, उनके द्वारा

संप्रदान  उसको, उसे, उसके लिए   उनको, उन्हें, उनके लिए

अपादान उससे     उनसे

संबंध      उसका, उसकी, उसके      उनका, उनकी, उनके

अधिकरण             उसमें, उसपर       उनमें, उनपर

यह (निकटवर्ती)

कारक    एकवचन               बहुवचन

कर्ता       यह, इसने              ये, इन्होंने

कर्म        इसको, इसे            ये, इनको, इन्हें

करण      इससे      इनसे

संप्रदान  इसे, इसको           इन्हें, इनको

अपादान इससे      इनसे

संबंध      इसका, की, के      इनका, की, के

अधिकरण             इसमें, इसपर        इनमें, इनपर

आप (आदरसूचक)

कारक    एकवचन               बहुवचन

कर्ता       आपने     आपलोगों ने

कर्म        आपको  आपलोगों को

करण      आपसे    आपलोगों से

संप्रदान  आपको, के लिए   आपलोगों को, के लिए

अपादान आपसे    आपलोगों से

संबंध      आपका, की, के    आपलोगों का, की, के

अधिकरण             आप में, पर            आपलोगों में, पर

कोई (अनिश्चयवाचक)

कारक    एकवचन               बहुवचन

कर्ता       कोई, किसने         किन्हीं ने

कर्म        किसी को               किन्हीं को

करण      किसी से किन्हीं से

संप्रदान  किसी को, किसी के लिए    किन्हीं को, किन्हीं के लिए

अपादान किसी से किन्हीं से

संबंध      किसी का, किसी की, किसी के          किन्हीं का, किन्हीं की, किन्हीं के

अधिकरण             किसी में, किसी पर              किन्हीं में, किन्हीं पर

जो (संबंधवाचक)

कारक    एकवचन               बहुवचन

कर्ता       जो, जिसने             जो, जिन्होंने

कर्म        जिसे, जिसको       जिन्हें, जिनको

करण      जिससे, जिसके द्वारा            जिनसे, जिनके द्वारा

संप्रदान  जिसको, जिसके लिए          जिनको, जिनके लिए

अपादान जिससे (अलग होने)             जिनसे (अलग होने)

संबंध      जिसका, जिसकी, जिसके  जिनका, जिनकी, जिनके

अधिकरण             जिसपर, जिसमें    जिनपर, जिनमें

कौन (प्रश्नवाचक)

कारक    एकवचन               बहुवचन

कर्ता       कौन, किसने         कौन, किन्होंने

कर्म        किसे, किसको, किसके      किन्हें, किनको, किनके

करण      किससे, किसके द्वारा           किनसे, किनके द्वारा

संप्रदान  किसके लिए, किसको         किनके लिए, किनको

अपादान किससे (अलग होने)            किनसे (अलग होने)

संबंध      किसका, किसकी, किसके किनका, किनकी, किनके

अधिकरण             किसपर, किसमें   किनपर, किनमें

सर्वनाम का पद-परिचय

सर्वनाम का पद-परिचय करते समय सर्वनाम, सर्वनाम का भेद, पुरुष, लिंग, वचन, कारक और अन्य पदों से उसका संबंध बताना पड़ता है।

उदाहरण-

(क) वह अपना काम करता है।

उपरोक्त वाक्य में, ‘वह’ और ‘अपना’ सर्वनाम है। इनका पद-परिचय होगा-

वह- पुरुषवाचक सर्वनाम, अन्य पुरुष, पुलिंग, एकवचन, कर्ताकारक, ‘करता है’ क्रिया का कर्ता।

अपना- निजवाचक सर्वनाम, अन्यपुरुष, पुंलिंग, एकवचन, संबंधकारक, ‘काम’ संज्ञा का विशेषण।

(ख) इसमें क्या पड़ा है?

उपरोक्त वाक्य में, ‘इस’ (में) और ‘क्या’ सर्वनाम है। इनका पद परिचय होगा-

इस (में)- निश्चयवाचक सर्वनाम, अन्य पुरुष, पुंलिंग, एकवचन, अधिकरण कारक, ‘पड़ा है’ क्रिया का आधार।

क्या- प्रश्नवाचक सर्वनाम, अन्य पुरुष, पुंलिंग, एक वचन, कर्ताकारक, ‘पड़ा है’ से होने का संबंध।

प्रयोग और शब्दभेद

(a) सभी अप्रधान सर्वनाम विशेषण के रूप में भी प्रयुक्त होते हैं। जैसे- वह भैंस, यह लड़का, वे चारपाईयाँ, कोई काम, जो बात, क्या प्रश्न है?, कौन आदमी आया है?

(b) कुछ सर्वनाम क्रियाविशेषण का काम करते हैं। जैसे-

(क) लो, यह मैं चला। (यह- अब)

(ख) उसने कोई 50 प्रश्न सही किये। (कोई- लगभग)

(ग) लड़की को कुछ हो गया। बुखार कुछ कम है। (कुछ)

(घ) क्या तुम पढ़ रहे थे? तुम क्या पास होगे? (क्या- नहीं पास होगे)

(c) कुछ सर्वनाम समुच्चयबोधक का कार्य करते हैं। जैसे- जो वह जाय तो काम बन जाय। (जो- यदि के अर्थ में)

(d) क्या बात है! (क्या- विस्मयबोधक है)

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