जिसके पाणि (हाथ) में चक्र है- (चक्रपाणि (विष्णु))

जिसके पाणि में वज्र है- ( वज्रपाणि (इन्द्र) )

जिसके पाणि में वीणा है- ( वीणापाणि (सरस्वती) )

जिसके आने की तिथि (मालूम) न हो- (अतिथि)

जिसके शेखर पर चन्द्र हो- ( चन्द्रशेखर (शिव) )

जिसके पार देखा जा सके- (पारदर्शक)

जिसके पार देखा न जा सके- (आपारदर्शक)

जिसके भीतर का तापमान समान स्थिति में रहे- (वातानुकूलित)

जिसके हृदय में ममता नहीं है- (निर्मम)

जिसके हृदय में दया नहीं है- (निर्दय)

जिसके कुल का पता ज्ञात न हो- (अज्ञातकुल)

जिसके चूड़ा पर चन्द्र रहे- (चन्द्रचूड़)

जिसके हाथ में चक्र हो- (चक्रपाणि)

जिसके विषय में उल्लेख करना आवश्यक हो- (उल्लेखनीय)

जिसके पास करोड़ों रूपये हों- (करोड़पति)

जिसके लम्बे-लम्बे बिखरे बाल हों- (झबरा)

जिसके हृदय में ममता न हो- (निर्मम)

जिसके हृदय में दया न हो- (निर्दय)

जिसके बिना कार्य न चल सके- (अपरिहार्य)

जिसके विषय में विवाद हो- (विवादास्पद)

जिसके नख सूप के समान हो- (शूर्पणखा)

जिसके हाथ में शूल हो- (शूलपाणि) (शिव)

जिसके पास शक्ति न हो- (निर्बल)

जिसके हृदय में पाप न हो- (निष्पाप)

जिसके बारे में मतभेद न हो- (निर्विवाद)

जिसके पास कोई रोजगार न हो- (बेरोजगार)

जिसके लोचन (आँखें) सुंदर हों- (सुलोचन)

जिसके भीतर की हवा का तापमान सम स्थिति में रखा गया हो- (वातानुकूलित)

जिसके चार पद है- (चतुष्पद)

जिसके आने की तिथि न हो- (अतिथि)

जिसके दो पद (पैर) हैं- (द्विपद)

जिसके पास कुछ भी न हो- (अकिंचन)

जिसके ह्रदय में दया हो- (दयावान)

जिसके समान कोई दूसरा न हो- (अद्वितीय)

जिसके आने की तिथि न हो- (अतिथि)

जिसके कोई संतान न हो- (निसंतान)

जिसके समान दूसरा न हो- (अद्वितीय)

जिसके पास कुछ भी न हो- (अकिंचन)

जिसके नीचे रेखा हो- (रेखांकित)

जिसके मन में कोई कपट न हो- (निष्कपट)

जिसके कोई संतान न हो- (निस्संतान)

जिसके पास लाख रूपये की सम्पत्ति हो- (लखपति)

जिसका तेज निकल गया है- (निस्तेज)

जिसका आकार न हो- (निराकार)

जिसका पति जीवित हो- (सधवा)

जिसका अंत न हो- (अनन्त)

जिसका कारण पृथ्वी है या जो पृथ्वी से सम्बद्ध है- (पार्थिव)

जिसका उदर लंबा हो- (लंबोदर)

जिसका निवारण नहीं किया जा सके- (अनिवार्य)

जिसका इलाज न हो सके- (असाध्य)

जिसका विश्वास न किया जा सके- (अविश्वसनीय)

जिसका मूल्य न आँका जा सके- (अमूल्य)

जिसका कोई अर्थ न हो- (निरर्थक)

जिसका वर्णन न किया जा सके- (वर्णनातीत)

जिसका पार न पाया जाए-(अपार)

जिसका संबंध पश्चिम से हो- (पाश्चात्य)

जिसका आचरण अच्छा न हो- (दुराचारी)

जिसका कोई मूल्य न हो- (अमूल्य)

जिसका जन्म न हो – (अजन्मा)

जिसका कोई आधार न हो- (निराधार)

जिसका पति जीवित हो- (सधवा)

जिसका कोई शत्रु ही न जन्मा हो- (अजातशत्रु)

जिसका कोई नाथ न हो- (अनाथ)

जिसका जन्म अनु (पीछे) हुआ हो- (अनुज)

जिसका जन्म पहले हुआ हो- (अग्रज)

जिसका ज्ञान इन्द्रियों से परे हो- (अगोचर)

जिसका कोई दूसरा उपाय न हो- (अनन्योपाय)

जिसका आदर न किया गया हो- (अनादृत)

जिसका वचन द्वारा वर्णन न किया जा सके- (अनिवर्चनीय)

जिसका निवारण न किया जा सके- (अनिवार्य)

जिसका उच्चारण न किया जा सके- (अनुच्चरित)

जिसका अनुभव किया गया हो- (अनुभूत)

जिसका मन किसी दूसरी ओर हो- (अन्यमनस्यक/अनमना)

जिसका कोई निश्चित घर न हो- (अनिकेत)

जिसका जन्म उच्च कुल में हुआ हो- (अभिजात)

जिसका विभाजन न किया जा सके- (अविभाजित)

जिसका मन उदार हो- (उदारमना)

जिसका मन महान हो- (महामना

जिसका हृदय उदार हो- (उदारहृदय)

जिसका उल्लेखित किया गया हो- (उल्लिखित)

जिसका चित्त एक जगह स्थिर हो- (एकाग्रचित)

जिसका सँबन्ध किसी एक देश से हो- (एकदेशीय)

जिसका उच्चारण ओष्ठ (ओंठ) से हो- (ओष्ठ्य)

जिसका संबंध उपनिवेश या उपनिवेशों से हो- (औपनिवेशिक)

जिसका संबंध उपन्यास से हो- (औपन्यासिक)

जिसका जन्म छोटी (अन्त्य) जाति में हुआ हो- (अन्त्यज)

जिसका जन्म अनु (पीछे) हुआ हो- (अनुज)

जिसका खण्डन न हो सके- (अकाट्य)

जिसका हाथ बहुत तेज चलता हो- (क्षिप्रहस्त)

जिसका कोई शुल्क न लिया जाय- (निःशुल्क)

जिसका कोई आकार न हो- (निराकार)

जिसका कोई भय न हो- (निर्भय)

जिसका दमन कठिन हो- (दुर्दम्य/दुर्दात)

जिसका कोई आधार न हो- (निराधार)

जिसका कोई आश्रय न हो- (निराश्रय)

जिसका उदर लम्बा (बड़ा) हो- (लम्बोदर)

जिसका मूल नहीं है- (निर्मूल)

जिसका कोई अंग बेकार हो- (विकलांग)

जिसका आचार अच्छा हो- (सदाचारी)

जिसका कोई आकार हो- (साकार)

जिसका हृदय भग्न हो- (भग्नहृदय)

जिसका चिंतन किया जाना चाहिए- (चिंतनीय)

जिसकी चिकित्सा की जा सके- (चिकित्स्य)

जिसकी थाह न हो- (अथाह)

जिसकी सब जगह बदनामी- (कुख्यात)

जिसकी कोई उपमा न हो- (अनुपम)

जिसकी तीन भुजाएँ हो- (त्रिभुज)

जिसकी आयु बड़ी लम्बी हो- (दीर्घायु)

जिसको टाला न जा सके- (अनिवार्य, अटल)

जिसकी धर्म में निष्ठा हो- (धर्मनिष्ठ)

जिसकी पत्नी मर गई हो- (विधुर)

जिसका पति मर गया हो- (विधवा)

जिसकी सब जगह बदनामी- (कुख्यात)

जिसकी बहुत अधिक चर्चा हो- (बहुचर्चित)

जिसकी कोई उपमा न हो- (अनुपम)

जिसकी चार भुजाएँ हों- (चतुर्भुज)

जिसकी कल्पना की जा सके- अकल्पनीय

जिसकी चिन्ता नहीं हो सकती- (अचिन्त्य)

जिसकी अपेक्षा (उम्मीद) हो- (अपेक्षित)

जिसकी गहराई की थाह न लग सके- (अथाह)

जिसकी परिभाषा देना संभव न हो- (अपरिभाषित)

जिसकी आशा न की जाय- (अप्रत्याशित)

जिसका कोई हिस्सा टूटकर अलग हो गया हो- (खंडित)

जिसकी बुद्धि कुश के अग्र (नोक) की तरह तेज हो- (कुशाग्रबुद्धि)

जिसकी घोषणा की गयी हो- (घोषित)

जिसकी बाँहें जानु (घुटने) तक पहुँचती हो- (आजानुबाहु)

जिसकी बाँहें अधिक लंबी हो- (प्रलंबबाहु)

जिसकी उपमा न दी जा सके- (निरुपम)

जिसकी आत्मा महान हो- (महात्मा)

जिसकी भुजाएँ बड़ी हो- (महाबाहु)

जिसकी ग्रीवा सुन्दर हो- (सुग्रीव)

जिसकी कल्पनान की जा सके- (अकल्पनीय)

जिसकी चिन्ता नहीं हो सकती- (अचिन्तनीय)

जिसकी आशा न की गई हो- (अप्रत्याशित)

जिसकी बाहुएँ दीर्घ है- (दीर्घबाहु)

जिसकी सीमा न हो- (असीम)

जिसकी पत्नी साथ में न हो- (विपत्नीक)

जिसकी सूचना राजपत्र में दी गयी हो- (राजपत्रित)

जिसकी जीविका बुद्धि के बल पर चलती हो- (बुद्धिजीवी)

जिसने इंद्रियों को जीत लिया हो- (जितेंद्रिय)

जिसने चित्त किसी विषय में दिया (लगाया) है- (दत्तचित)

जिसने ऋण चुका दिया हो- (उऋण) जिसने किसी विषय में मन लगा लिया हो- (दत्तचित)

जिसने गुरु से दीक्षा ली हो- (दीक्षित)

जिसने बहुत कुछ सुन रखा हो- (बहुश्रुत)

जिसने बहुत कुछ देखा हो- (बहुदर्शी)

जिसने प्रतिष्ठा प्राप्त की है- (लब्धप्रतिष्ठ)

जिसने मृत्यु को जीत लिया है- (मृत्युंजय)

जिसको प्राप्त करना बहुत कठिन हो- (दुर्लभ)

जिसको लाँघना कठिन हो- (दुर्लंघ्य)

जिसको रोकना या निवारण करना कठिन हो- (दुर्निवार)

जिसमे दया हो- (दयालु)

जिसमे धैर्य न हो- (अधीर)

जिसमे सहन शक्ति हो- (सहिष्णु)

जिसमे रस हो- (सरस)

जिसमे रस न हो- (नीरस)

जिसमे दया न हो- (निर्दय)

जिसमे शक्ति न हो- (अशक्त)

जिसमे शक्ति नहीं है- (अशक्त)

जिसमें कुछ करने की क्षमता न हो- (अक्षम)

जिसमें सामर्थ्य नहीं है- (असमर्थ)

जिसमें ढाल हो- (ढालू/ढालवाँ)

जिसमें कोई दोष न हो- (निर्दोष)

जिसमें हानि या अनर्थ का भय न हो- (निरापद)

जिसमें तेज नहीं है- (निस्तेज)

जिसमें मल (गंदगी) न हो- (निर्मल)

जिसमें पाँच कोने हों- (पंचकोण)

जिसमें प्रतिभा है- (प्रतिभा)

जिसमें जाना या समझना कठिन हो- (दुर्गम)

जिसमें मल (गंदगी) हो- (मलिन)

जिसमें किसी प्रकार का विकार हो- (विकृत)

जिसमें सात रंग हो- (सतरंगा)

जिसपर विश्र्वास किया गया है- (विश्र्वस्त)

जिससे घृणा की जाए- (घृणित)

जिस हँसी से अट्टालिका तक हिल जाय- (अट्टहास)

जिस पर विचार न किया गया हो- (अविचारित)

जिस पर आक्रमण न किया गया हो- (अनाक्रांत)

जिस पर मुकदमा चल रहा हो-(अभियुक्त)

जिस पर कोई नियंत्रण न हो- (अनियंत्रित)

जिसे अधिकार दिया गया हो- (अधिकृत)

जिस पर निर्णय न हुआ हो- (अनिर्णीत)

जिस पर अनुग्रह किया गया हो- (अनुग्रहीत)

जिस पर किसी अन्य को कुछ अधिकार न हो- (एकाधिकार)

जिस लड़की का विवाह न हुआ हो- (कुमारी)

जिस भूमि में कुछ पैदा न होता हो- (ऊसर)

जिस पर किसी काम का उत्तरदायित्व हो- (उत्तरदायी)

जिस पर चिह्न लगाया गया हो- (चिह्नित)

जिस स्त्री के कभी संतान न हुई हो- (वंध्या (बाँझ))

जिस पर विश्वास न किया जा सके- (अविश्वनीय)

जिस स्त्री का धव (पति) मर गया है- (विधवा)

जिस पर विश्वास न किया जा सके- (अविश्वनीय)

जिस भूमि पर कुछ न उग सके- (ऊसर)

जिस पर अभियोग लगाया गया हो- (अभियुक्त)

जिस पर उपकार किया गया हो- (उपकृत)

जिस पुरुष की स्त्री मर गयी है- (विधुर)

जिस स्त्री को कोई सन्तान न हो- (वन्ध्या, बाँझ)

जिस पर लम्बी-लम्बी धारियाँ हों- (धारीदार)

जिस समय बड़ी मुश्किल से भिक्षा मिलती है- (दुर्भिक्ष)

जिस पर दिनांक (तारीख का अंक) लगाया गया हो- (दिनांकित)

जिस पर किसी प्रकार का अंकुश (नियंत्रण) न हो- (निरंकुश)

जिस स्थान पर अभिनेता अपना वेश-विन्यास करते हैं- (नेपथ्य)

जिस स्थान पर बैठकर माल खरीदा और बेचा जाता हो- (फड़)

जिस कागज पर मानचित्र, विवरण या कोष्ठक अंकित हो- (फलक)

जिस पर विश्वास न किया जा सके- (विश्वासघाती)

जिस पर विश्वास किया गया है- (विश्वस्त)

जिस स्त्री का पति जीवित हो- (सधवा)

जिसे क्षमा न किया जा सके- (अक्षम्य)

जिसे दंड का भय न हो- (उदंड)

जिसे गुप्त रखा जाए- (गोपनीय)

जिसे दस आनन (मुख) हैं- (दशानन (रावण))

जिसे बहुत कम ज्ञान हो, थोड़ा जानने वाला- (अल्पज)

जिसे जीता न जा सके- (अजेय)

जिसे देखकर डर (भय) लगे- (डरावना, भयानक)

जिसे क्षमा न किया जा सके- (अक्षम्य)

जिसे कभी बुढ़ापा न आये- (अजर)

जिसे कोई जीत न सके- (अजेय)

जिसे दंड का भय न हो- (उदंड)

जिस भूमि पर कुछ न उग सके- (ऊसर)

जिसे ईश्वर या वेद में विश्वास न हो- (नास्तिक)

जिसे ईश्वर या वेद में विश्वास हो- (आस्तिक)

जिसे भय नहीं है- (निर्भीक, निर्भय)

जिसे नहीं जीता जा सके- (अजेय)

जिसे या जिसका मूल नहीं है- (निर्मूल)

जिसे जानना चाहिए- (ज्ञातव्य)

जिसे पढ़ा न जा सके- (अपाठ्य)

जिसे भेदा (तोड़ा) न जा सके- (अभेद्य)

जिसे आश्वासन दिया गया हो- (आश्वस्त)

जिसे वाह्य जगत का ज्ञान न हो- (कुपमण्डूक)

जिसे त्याग देना उचित हो- (त्याज्य)

जिसे क्रय किया गया हो- (क्रीत)

जिसे समझना बहुत कठिन हो- (दुष्कर)

जिसे भेदना या तोड़ना कठिन हो- (दुर्भेद्य)

जिसे देश से निकाला गया हो- (निर्वासित)

जिसे कोई भ्रम या सन्देह न हो- ( निर्भ्रन्त)

जिसे कोई आकांक्षा न हो- (निःस्पृह)

जिसे मोक्ष की कामना हो- (मुमुक्षु)

जिसे देख या सुनकर रोम (रोंगटे) खड़े हो जायें- (रोमांचकारी)

जिसे सरलता से पढ़ा जा सके- (सुपाठ्य)

जिसे सताया गया हो- (दलित)

जहाँ पहुँचा न जा सके- (अगम्य)

जहाँ पहुँचना कठिन हो- (दुर्गम)

जहाँ लोगों का मिलन हो- (सम्मेलन)

जानने की इच्छा रखने वाला- (जिज्ञासु)

जहाँ नदियों का मिलन हो- (संगम)

जन्म भर- (आजन्म)

जहाँ जाना संभव न हो- (अगम)

जहाँ तक सध सके- (यथासाध्य)

जहाँ खाना मुफ्त मिलता है- (सदाव्रत)

जहाँ गमन (जाया) न किया जा सके- (अगम्य)

जहाँ तक हो सके- (यथासंभव)

जहाँ तक सध सके- (यथासाध्य)

जहाँ औषधि दानस्वरूप मिलती है- (दातव्य, औषधालय)

जीने की इच्छा- (जिजीविषा)

जानने की इच्छा-(जिज्ञासा)

जल में जन्म लेने वाला- (जलज)

जल में रहने वाले जीव-जन्तु- (जलचर)

जान से मारने की इच्छा- (जिघांसा)

जीतने की इच्छा- (जिगीषा)

जोतने का काम- (जुताई)

जेठ का पुत्र- (जेठौत)

जनता द्वारा संचालित शासन- (जनतन्त्र)

जन्म से सौ वर्ष का समय- (जन्मशती)

जमी हुई गाढ़ी चीज की मोटी तह- (थक्का)

जल में लगने वाली आग- (बड़वाग्नि)

जिनकी ग्रीवा (गर्दन) सुन्दर हो- (सुग्रीव)

जैसा चाहिए वैसा- (यथोचित)

युद्ध की इच्छा रखने वाला- (युयुत्सा)

यथार्थ (सच) कहनेवाला-( यथार्थवादी)

यात्रा करनेवाला- (यात्री)

जीवन भर- (आजीवन)

जीतने की इच्छा- (जिगीषा)

जारी किया गया आधिकारिक आदेश- (अध्यादेश)

जुआ खेलने का स्थान- (फड़)

जनता में प्रचलित सुनी-सुनाई बात- (किंवदंती)

जानने की इच्छा रखने वाला- (जिज्ञासु)

जनता द्वारा चलाया जाने वाला राज- (जनतंत्र)

जबरन नरक में धकेलना या बेगार- (आजू)

जल में जनमनेवाला- (जलज)

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