- वर्गीकरण की सबसे छोटी इकाई जाति (species) है I
- कवक की कोशिका भिति काइटीन की बनी होती है I
- कैरोलस लीनियस को वर्गिकी का पिता कहा जाता है I
- जीवाणु तथा नीलरहित शैवाल मोनेरा जगत के संबंधित है I
- प्रोटिस्टा जगत के अंतर्गत एककोशकीय जीव आते है I
- ऐनिमेलिया जगत के अंतर्गत बहुकोशकीय तथा यूकैरियोटिक जंतु आते हैं I
- लीनियस ने जीवों के नामकरण की द्विनाम पद्धति विकसित की थी I
- अरस्तु को जीव विज्ञान का पिता (father of Biology) कहते हैं I
- ब्रायोफाइटा को “पादप वर्ग का उभयचर “कहते हैं I
- पौधों में अर्द्धसूत्री विभाजन के लिये परागकोश सबसे उपयुक्त भाग होता हैं I
- जीवाणुभोजी ,जीवाणु को संक्रमित करने वाला विषाणु हैं I
- आलू एक कंद है I
- स्टार्च एक पॉलीसैकेराइड है I
- हरित पादप प्रथम पोषक स्तर के अंतर्गत आते है I
- ”अल्फाल्फा ” एक प्रकार की घास है I
- एम्बिलका ओफिसिनौलिस ,अफीम का वास्तविक नाम है I
- जिम्नोस्पर्म वर्ग के पौधे नग्नबीजी होते हैं ,अर्थात इनके बीज फलों के अंदर नई होते I
- थैलोफाइटा वर्ग के पौधे मुख्यतः जलीय पादप होते हैं I
- टेरिडोफाइटा वर्ग के पौधे का शरीर जड़, तना तथा पती में विभाजित होता हैं I
- आर्थोपोडा संघ जंतु जगत का सबसे बड़ा संघ है I
- पोरीफेरा संघ के जीवो को सामान्यतः स्पंज के नाम से जाना जाता है I
- सीलेंटरेटा संघ के जंतु जलीय होते हैं जिनका शरीर दो कोशिकाओं की दो परतों का बना होता है I
- मोल्सका वर्ग के जीवधारी द्वीपार्श्वसममित होते हैं I
- इकाइनोडर्मेटा जंतुओं में विशिष्ट जल संवहन नालतंत्र पाया जाता है l
- बट्रीब्रेटा (कशेरुकी ) सर्वाधिक विकसित जंतुओं का वर्ग है l
- द्विनाम पद्धति का जन्मदाता कैरोलस लीनियस है l
- साइनोबैक्टीरिया को प्रथम प्रकाश – संश्लेषी जीव मन जाता है l
- वाइरस न्यूकिलयो प्रोटीन से बने होते हैं l
- डब्ल्यू० एम्० स्टैनले को वाइरस के क्रिस्टल के रूप में सबसे पहले पृथक करने का श्रेय प्राप्त है l
- जंतु जिनमें परस्पर जनन होता है , जाती स्तर पर सब समान होता हैं l
- चपटे कृमि , सिलेट्रेटा, पोरिफेरा एवं प्रोटोजोआ वर्ग के जंतुओं में देहगुहा नहीं पाई जाती है l
- वास्तविक देहगुहा का निर्माण भ्रूणीय परिवर्धन के मिसोडर्म अवस्था से होता है l
- काइटिन युक्त बाह्य कंकाल कीटों में पाया जाता है l
- “सिस्टेमा नेचूरी” नमक पुस्तक के लेखक “कैरोलस लीनियस ” है l
- हाइड्रा में बिना मस्तिष्क का तंत्रिका तंत्र होता है l
- क्षारीय मृदा में हेलोफाइट्स वर्ग के पौधे अच्छी वृद्धि करते है l
- सर्वप्रथम जे० सी० बोस ने बताया की पेड़ पौधों में जीवन है l
- चमगादड़ उड़ने वाला स्तनपायी है l
- व्हेल सबसे बड़ा स्तनपायी है l
- दलहन में नाइट्रोजन स्थिरीकरण की क्षमता होता है l
- उत्सर्जी तंत्र का गुण पादपों में नहीं पाया जाता है l
- थैलोफाइटा को ” पादप वर्ग का उभयचर ” भी कहा जाता है ल
- हाइड्रा में रुधिर नहीं होता, फिर भी वह श्वसन करता है l
- आर्थोपोडा में काइटिन युक्त उपचर्म का बना बाह्य कंकाल पाया जाता है l
- झींगा मछली , क्रेफिश तथा सिल्वर फिश आर्थोपोडा संघ के जीव हैं l
- ऑक्टोपस मोलस्का संघ के जंतु हैं l
- मोलस्का संघ के कुछ जंतुओं में नीले या हरे रंग का रुधिर हिमोसायनिन के कारण होता है l
- उत्क्रम अनुलेखन की क्रिया DNA से DNA का निर्माण है l
- DNA द्विगुणन का सही विधि विधि अधिपरिमित है I
- प्रोकैरियोट्स तथा यूकैरियोट्स का मुख्य अंतर केंद्रक कला की अनुपस्थिति है I
- वाटसन तथा क्रिकने B-DNA मोडल दिया है I
- राइबोसोम्स प्रोटीन तथा टी.आर.एन.ए. के बने होते है I
- राइबोसोम कलाविहीन कोशिकांग है I
- प्रोटीन संश्लेषण में अंतः द्रव्यी जालिका और राइबोसोम कोशिकांगो की भूमिका महत्वपूर्ण है I
- डी.एन.ए. पॉलिमरेज़ एंजाइम न्यूक्लिओटाइड्स से DNA संश्लेषण में काम आता है I
- केंद्रक (Nucleus) के अतिरिक्त माइटोकाण्ड्रिया (Chloroplast) तथा हरित लवक में DNA पाया जाता है I
- प्रोकैरियोटिक कोशिकाओं में श्वसन (Respiration) का कार्य मीसोसोम (Mesosome) करते है जबकि यूकैरियोटिक कोशिका में श्वसन का कार्य माइटोकाण्ड्रिया करते है I
- कोशिका भिति (Cell wall) पौधों में उपस्थित होती है जबकि जंतुओं में अनुपस्थित होती है I
- कोशिका झिल्ली (Cell membrance) एक अर्द्धपारगंब झिल्ली(semi permeable membrance) होती है I यह कुछ विशिष्ट अणुओं को ही अपने आर -पार जाने या आने देती है I
- प्रोटीन का निर्माण या प्रोटीन का संश्लेषण (protein synthesis)राइबोसोम की सहायता से होता है I
- माईटोकॉंण्ड्रिया को कोशिका का पावर हाउस (powerhouse of the cell) भी कहा जाता है क्योंकि इसमें श्वसन क्रिया के दौरान भोजन के विखंडन से ऊर्जा उत्पन होती है जो ATP( Adoenosine triphospate) के रूप में सँचित रहती है I
- गॉल्जीकाय (Golgi body) का मुख्य कार्य कोशिका (cell) द्वारा संश्लेषित प्रोटीन,वसा आदि की पैकेजिंग करना है I
- गॉल्जीकाय को कोशिका के अणुओं के traffic controller भी कहा जाता है I
- लाइसोसोम (lysosome) को आत्महत्या की थैली कहा जाता है I
- हरित लवक (Chloroplast) को कोशिका का रसोईघर(Kitchen of the सेल) भी कहा जाता है क्योंकि इसमें प्रकाश संश्लेषण की क्रिया द्वारा भोजन का निर्माण होता है I
- जीवाणु (Bacteria) तथा नील हरित शैवालों (Blue green algae) की कोशिकाएं प्रोकैरियोटिक कोशिकाएं होती है I
- अर्धसूत्री विभाजन के प्रोफेज 1 की पैकीटीन (pachytene) अवस्था में क्रॉसिंग ओवर (Crossing over) की प्रक्रिया होती है I इस प्रक्रिया में माता तथा पिता दोनों की ओर से आए समजात गुणसूत्र (Homologous chromosome) के क्रोमैटिड एक -दूसरे को, एक या ज्यादा स्थान पर क्रॉस करते हैं इसके दौरान क्रॉस के स्थानों पर एक क्रोमैटिड का टुटा भाग, दूसरे क्रोमैटिड के टूटे स्थान से जुड़ जाता है I यही प्रक्रिया क्रासिंग ओवर (Crossing over) कहलाती है I इसके द्वारा जीनों में पुनरसंयोजन होता है और संतान में नए गुण उत्पन्न होते है I
- समसूत्री विभाजन में संतति कोशिका में गुणसूत्रों की संख्या पैतृक कोशिओका के समान रहती है I
- अर्धसूत्री विभाजन (Meiosis) में संतति कोशिकाओं में गुणसूत्रों की संख्या पैतृक कोशिका से आधी रह जाती है I
- अनियंत्रित समसूत्री विभाजन(Uncontrolled mitosis) से कैंसर हो जाता है I
- समसूत्री विभाजन वृद्धि,मरम्मत आदि के लिये आवश्यक होता है I
- RNA में थायमीन (T) के स्थान पर यूरेसिल (U) नामक पिरिमिडीन क्षार पाया जाता है I
- बुढ़ापे के लिये Ageing gene जिम्मेदार होता है I
- कुछ जीवाणुओं जैसे राइजोबियम के अंदर Nif gene होता है जिसकी सहायता से ये जीवाणु नाइट्रोजन का स्थिरीकरण (Nitrogen fixation) करने में सक्षम होते है I
- लम्बी हड्डियों के सिरे पर लचीली संधायी गद्दियां उपास्थि की बनी होती है I
- रेखित एवं ऐच्छिक पेशियाँ पादों में पाई जाती है I
- तंत्रिका कोशिकायें एक्टोडर्म की भ्रूणीय स्तर से बनती है I
- मास्ट कोशिकायें सीरोटोनिन,हिपैटिन तथा हिस्टेमीन का स्त्रावण करती है I
- तंत्रिका ऊतक, उतेजनशीलता का कार्य करती है I
- स्तनियों में कुरफर कोशिकायें यकृत में पाई जाती है I
- शरीर म उतको का निर्माण प्रोटीन से होता है I
- तंत्रिका तंतु संयोजी ऊतक के घटक नहीं होते है I
- रेखित पेशी में मायोसिन एवं ऐक्टिन प्रमुख प्रोटीन होते है I
- माइटोकॉंण्ड्रिया की उपस्थिति में शरीर में कुछ ऊतक, जैसे कि पेशियाँ, अन्य ऊतकों से अधिक सक्रिय होते है I
- रुधिर भी एक प्रकार का ऊतक है I
- ऊतक शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम विशैट( Bichat) ने किया था I
- रुधिर एवं कोशिकाओं के बीच रासायनिक आदान-प्रदान ऊतक द्रव के माध्यम से होता है I
- ठोस अन्तरांगों जैसे- जिह्वा, किडनी, यकृत, तिल्ली आदि पर इपीथिलियम ऊतक का रक्षात्मक आवरण होता है I
- त्वचा पर चोट लगने के बाद इसका पुनरुदभवन धनाकार उपकला के द्वारा होता है I
- एंडोथीलियम शल्की कोशिकाओं की बनी होती है I
- मास्ट कोशिकाएँ संयोजी ऊतक में मिलती है I
- स्नायु एवं कंडराएँ संयोजी ऊतक है I
- कंकाल मीसोडर्मी होता है I
- त्वचा को ”Jack of All Trades” भी कहते है I
- काली त्वचा पर सूर्य कि पराबैँगनी किरणों का कम प्रभाव पड़ता है I
- मस्तिष्क,मेरुरज्जु और तंत्रिकाएँ सभी तंत्रिका ऊतकों कि बनी होती है I
- ह्रदय पेशियाँ केवल हृदय भिति (Heart wall) में पाई जाती है I
- ह्रदय पेशी में अत्यधिक मात्रा में माईटोकॉंण्ड्रिया पाया जाता है I
- ह्रदय की पेशियों के संकुचन का नियंत्रण, तंत्रिका का तंत्र के नियंत्रण में न होकर स्वयं पेशियों के नियंत्रण में होता है I
- पेशियों में लैक्टिक अम्ल की अधिक मात्रा में जमा होने से थकावट का अनुभव होता है I
- पेशियाँ मानव शरीर का औसतन 40% से 50% भाग बनाती है I
- पेशी तंतु के आवरण को सार्कोलेमा एवं इसमें पाए जाने वाले द्रव को सार्कोप्लाज्मा कहा जाता है I
- कंडरा पेशी को हड्डी से जोड़ती है I
- औतिकी(Histology) ऊतकों के अध्यन को कहते है I
- अंतर्वर्तीय उपकला ऊतक मूत्राशय तथा मूत्रवाहिनियों के भीतरी दीवार का निर्माण करते है I
- शरीर की विभिन्न क्रियाओं का नियंत्रण तथा नियमन तंत्रिका तंत्र (Nervous system) द्वारा द्रुत गति से होता है I
- Iमनुष्य की आँख म किसी वस्तु का प्रतिबिम्ब दृष्टिपटल (रेटिना) में बनता है I
- मनुष्य के आहार नाल में दो अवशोषी अंग सीकम एवं वर्मीफार्म एपेंडिक्स है I
- कार्बन मोनो-ऑक्ससाइड विषाक्तता रक्त की ऑक्सीजन के वहां क्षमता को प्रभावित करती है I
- मुखगुहा का एंजाइम टायलिन (एमाइलेज) स्ट्रेच को माल्टोज में बदलता है I
- डायलिसिस, किडनी से संबंधित है I
- अग्न्याशय अंतः तथा बहिःस्रावी ग्रंथि है I
- वसा का पाचन आमाशय से प्रारंभ होता है I
- कार्बोहाइड्रेट्स का पाचन मुखगुहा से प्रारंभ हो जाता है I
- अमाशय में कार्बोहाइड्रेट्स का पाचन नहीं होता है I
- नेत्रदान म कार्निया प्रयुक्त होता है I
- गृहणी तथा छोटी आँत में क्षारीय माध्यम में कार्बोहाइड्रेट्स का पाचन होता है l
- प्रोटीन का पाचन आमाशय से होता है l
- पेप्सिन एक एंजाइम है l
- हिपेटिन नमक प्रोटीन का निर्माण यकृत में होता है l
- विटामिन A तथा D यकृत में संचित रहता है l
- रक्त का थक्का जमने कल लिये आवश्यक विटामिन नेफ्थोक्विनोन (विटामिन K ) है l
- आमाशय में आक्सिंटिक कोशिकाओं से हाईड्रोक्लोरिक अम्ल का स्राव होता है l
- पाचन तंत्र के पित रस में कोलेस्ट्रॉल पाया जाता है l
- आमाश्य की दीवारों का पेशीय संकुचन पेरिस्टाल्सिस कहलाता है l
- भूख तथा तृप्ति हाइपोथैल्मस के द्वारा नियंत्रित होता है l
- स्वस्थ मनुष्य में लगभग5 से0 लीटर आंतरिक रस का स्राव होता है l
- अग्न्याश्य द्वारा ट्रिप्सनोजन एंज़ाइन का स्रावण होता है l
- इंसुलिन के अधिक स्रावण होने से हाइपोग्लाइसिमिया नमक रोग हो जाता है l
- जठर रस (आमाशय) पाइलोरिक ग्रंथियों से स्रावित होता है l
- वसीय अम्ल तथा ग्लिसरॉल का अवशोषण लसीका कोशिका द्वारा होता है l
- एंड्रोगैस्ट्रोन आमाश्यी स्रावण का अवरोधन करने वाला पदार्थ है l
- लार का स्राव तंत्रिकीय नियंत्रण में होता है l
- जठरीय एवं अग्न्याशय स्राव रासायनिक एवं तंत्रिकीय उददीपन के द्वारा होता है l
- ह्रदय गति को नियंत्रित करने में CO2रासायनिक पदार्थ की भूमिका होती है l
- रुधिर को वाहिनियों में जमने से हिपैरिन रोकता है l
- मानव शरीर में सबसे मजबूत पेशियाँ जबड़े की होती है l
- अकशेरुकी जंतुओं में खुला परिसंचरण तंत्र पाया जाता है l
- ह्रदय की धड़कन (Heart Beat ) संकुचन एवं शिथिलन है l
- मस्तिष्क एक्टोड़र्मी होता है l
- R . B . C . की संख्या हीमोसाइटोमीटर यंत्र से ज्ञात की जाती है l
- ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन अण्डोतसर्ग के लिये उतरदायी है l
- ह्रदय को रक्त पहुंचने का कार्य कोरोनरी धमनी करती है l
- ह्रदय धड़कन के नियंत्रण में थायरॉक्सिन एवं एड्रीनेलिन हार्मोन की भूमिका होता है l
- श्वसन केंद्र मेडुला में स्थित होता है l
- लसिका घाव भरने में सहायता करती है l
- ह्रदय के विद्युत रासायनिक आवेग को इलेक्ट्रो – कार्डियोग्राम द्वारा मापा जाता है l
- रक्त दाब स्फिग्नोमेनोमीटर नामक उपकरण से मापा जाता है l
- दाद रोग ट्राइकोफाइटान नामक कवक के कारण फैलता है I
- मायोपिया, नेत्र का दोष है I
- फीताकृमि का संक्रमण सूअर का अधपका माँस खाने से होता है I
- गठिया रोग जोड़ों में यूरिक अम्ल के जमाव से होता है I
- बी.सी.जी.का अविष्कार यूरिन कालमेंट ने किया था I
- हाथी पाँव का कारक वऊचेरिया बैक्रोफ्टाई है I
- डेंगू ज्वर एडीज इजिप्टी नामक मच्छर से फैलता है I
- पोलियो का विषाणु मेरुरज्जु के पृष्ठ श्रृंगो के ऊतक को नष्ट करता है I
- हेपेटाइटिस के लिये गामा ग्लोबुलीन नामक इंजेक्शन लगाया जाता है I
- डायरिया पाचन तंत्र को प्रभावित करने वाला प्रोटोजोआ जन्य रोग है I
- स्लीपिंग सिकनेस सी-सी मक्खी द्वारा फैलता है I
- प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम मलेरिया परजीवी से होता है l
- मलेरिया परजीवी को खोज ए० लेबेरॉन ने की थी l
- फाइलेरिया में मनुष्य की लसिका ग्रंथि प्रभावित होती है l
- कुनैन नमक मलेरिया की दवा सिनकोना के पौधे से प्राप्त होती है l
- भारत में हेपेटाइटिस – बी रोगियों की संख्या अधिकतम है l
- एस्पिरिन तथा पेन्टाजोसिन नमक औषधियों विलो (Willow ) से प्राप्त की जाती है l
- कैंसर उपचार के लिये कोबाल्ट 60 रेडियोधर्मी तत्व का बहुतायत प्रयोग किया जाता है l
- कैंसर कोशिकाएं उत्तपन करने के लिये आन्कोजीन्स जिम्मेदार माना जाता है l
- रक्त कैंसर को ल्यूकीमिया कहा जाता है l
- इंसुलिन का स्त्रावण अग्न्याशय ग्रंथि से होता है l
- अस्थि तथा त्वचा कैंसर सार्कोमा समूह के प्रकार का कैंसर है l
- पेयजल में नाइट्रेट की अधिक मात्रा होने से ब्लू बेबी सिंड्रोम नामक रोग होता है l
- कुनैन दवा सिनकोना नामक वृक्ष की छाल से प्राप्त की जाती है l
- रोबर्ट कोच ने प्रमाणित किया की पशुओं में होने वाला एंथ्रेक्स रोग सक्ष्मजीवी जीवाणुओं द्वारा होता है l
- हिप्पोक्रेट्स को औषधि विज्ञान का पिता कहा जाता है l
- स्वाइन फ्लू नामक रोग फैलाने वाले वायरस का नाम इन्फ्लून्जा H1N1है l
- लौहतत्व (आयरन) की कमी के कारण रक्ताल्पता (एनीमिया ) होता है l
- आयोडीन की कमी से गलघोंटू (ग्वायटर) बीमारी होती है l
- “इम्यूनोलॉजी’ के जनक एडवर्ड जेनर है l
- सूरजमुखी तेल ह्रदय रोगियों के लिये उपयुक्त होता है l
- ज्वर में रक्त कणिकाओं में सुजम आ जाती है l
- जापानी इंसेफेलाइटिस एक विषाणु जनित (Viral ) रोग है l
- एडवर्ड जेनर ने चेचक के टीके की खोज की l
- कैंसर कोशिकाओं के अनियंत्रित विभाजन के कारण होता है l
- हेपेटाइटिस , यकृत की बीमारी है , जो विषाणुओं द्वारा होती है l
- मानव शरीर को कार्बोहाइड्रेट चावल , मक्का , चीनी थता शकरकंद से प्राप्त होता है l
- भारत में राष्ट्रिय मलेरिया नियंत्रण योजना (NMCP ) का आरंभ 1953 में हुआ l
- इटाई-इटाई रोग का कारक कैडमियम है l
- MRI तकनीक में शरीर का विस्तृत प्रतिबिंब पाने के लिये चुम्बकीय क्षेत्र एवं रेडियो तरंगो का इस्तेमाल किया जाता है l
- पोलियो एक विषाणु जनित रोग है l
- रिफैम्पिसिन नामक दवा , टीबी रोग में प्रयुक्त होता है l
- किसी जीव के किसी लक्षण विशेष के परिवर्द्धन को जीन नियंत्रित करता है l
- वंशागति का भौतिक आधार क्रोमोसोम को खा जाता है l
- “Orgin of species ” नमक पुस्तक के लेखक चार्ल्स डार्विन हैं l
- प्राकृतिक वरण के सिद्धांत के प्रतिपादक चार्ल्स डार्विन हैं l
- श्लीडन तथा श्वेन ने कोशिका सिद्धांत के मत का प्रतिपादन किया था l
- वंशागति के क्रोमोसोम सिद्धांत का प्रतिपादन वाल्टर सटन ने किया था l
- लिंग – सहलग्नता की खोज H मार्गन ने की थी l
- संरचनात्मक जीन अवधारणा में प्रचालक , वर्द्धक एवं नियामक जीन होता हैं l
- मेंडल के नियम का अपवाद सहलग्नता है l
- हीमोफीलिया , सिकल सैल अनीमिया तथा थेलेसिमिया एक उत्परिवर्ती जीन के कारण होने वाली बीमारियाँ है l
- क्रोमोसोम की संरचना डी० एन० ए० एवं प्रोटीन से होती है l
- “एक जीन एक एंजाइम ” सिद्धांत के प्रतिपादक बीडिल एवं टैटम थे l
- NDRI करनाल (हरियाणा ) के वैज्ञानिकों के भैंस का दूसरा क्लोन विकसित किया है l
- शरीर रचना के क्रस्टेशियन्स वर्गीकरण में लॉबस्टर संबद्ध होता है l
- जैव विकास में उत्परिवर्तनों का महत्व आनुवंशिक विभिन्नताएँ है l
- अनुवांशिक एवं विकासीय परिवर्तनों की संभावना उन जीव – जातियों में अधिक होती है , जिनमें द्वि – विभाजन द्वारा प्रजनन होता है l
- जीन शब्द W . L जोहैनसन बने ने दिया था l
- प्रोटीन अणुओं का अमीनों अम्ल कर्म जीन द्वारा नियंत्रित होता है l
- सर्वप्रथम कृत्रिम जीन का प्रयोगशाला में संश्लेषण डॉ० हरगोविंद खुराना ने किया था l
- ग्रेगर मेंडल ने आनुवंशिकता पर अध्ययन 19वीं शताब्दी में किया l
- चार्ल्स डार्विन की पुस्तक ऑन ओरिजिन ऑफ स्पीसीज 1859 ई० में प्रकाशित हुई थी l
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