हिंदी संघ की राजभाषा है। इसके अलावा पीले रंग में दिखाये गए क्षेत्रों (राज्यों) की राजभाषा भी है।
भाषाविदों के अनुसार हिंदी के चार प्रमुख रूप या शैलियों हैं:
(1) उच्च हिन्दी –
हिंदी का मानकीकृत रूप, जोकी लिपि देवनागरी है। इसमें संस्कृत भाषा के कई शब्द हैं, सामना फ़ारसी और अरबी के कई शब्दों की जगह ले ली है। इसे शुद्ध हिंदी भी कहते हैं। आजकल अंग्रेजी में भी कई शब्द आते हैं (ख़ास रूप पर बोलचाल की भाषा में)। यह खड़ीबोली पर आधारित है, जो दिल्ली और उसके आस-पास के क्षेत्रों में बोली जा रहा था।
(2) दक्खिनी –
उर्दू-हिंदी का वह रूप जो हैदराबाद और उसके आसपास की जगहों में जाने जाते हैं। इसमें फ़ारसी-अरबी के शब्द उर्दू की अपेक्षा कम होती है।
(3) रेख्ता –
उर्दू का वह रूप जो शायरी में प्रयुक्त होता था।
(4) उर्दू –
हिंदुवी का वह रूप जो देवनागरी लिपि के बजा फ़ारसी-अरबी लिपि में लिखा जाता है। इसमें संस्कृत के शब्द कम होते हैं, और फ़ारसी-अरबी के शब्द अधिक। यह भी खड़ीबोली पर ही आधारित है।
हिन्दी और उर्दू दोनों मिलाकर हिंदुस्तानी भाषा कहा जाता है। हिन्दुस्तानी मानकीकृत हिंदी और मानकीकृत उर्दू के बोलचाल की भाषा है। इसमें शुद्ध संस्कृत और शुद्ध फ़ारसी-अरबी के शब्द कम हो रहे हैं और तद्भव शब्द अधिक। उच्च हिंदी भारतीय संघ की राजभाषा है (अनुच्छेद 343, भारतीय संविधान)। यह इन भारतीय राज्यों की भी राजभाषा है: उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, उत्तरांचल, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली। इन राज्यों के अतिरिक्त महाराष्ट्र, गुजरात, पश्चिम बंगाल, पंजाब और हिंदी भाषाी राज्यों से लगते अन्य राज्यों में भी हिंदी बोलने वालों की अच्छी संख्या है। उर्दू पाकिस्तान और भारतीय राज्य जम्मू और कश्मीर की राजभाषा है, इसके अतिरिक्त उत्तर प्रदेश, बिहार, तेलंगाना और दिल्ली में द्वितीय राजभाषा है। यह लगभग सभी ऐसे राज्यों की सह-राजभाषा है; जिनकी मुख्य राजभाषा हिंदी है।