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विकारी शब्दों के जिस रूप से संख्या का बोध होता है, उसे वचन कहते हैं। वैसे तो शब्दों का भेद विविध प्रकार का होता है, परन्तु में उसके एक और अनेक भेद प्रचलित हैं। इसी आधार पर हिन्दी में वचन के दो भेद होते हैं
- एकवचन और
- बहुवचन।
विकारी शब्दों के जिस रूप से एक का बोध होता है, उसे एकवचन कहते हैं। जैसे, लड़का, घोड़ा, घर, पर्वत, नदी, मैं, वह, यह आदि।
विकारी शब्दों के जिस रूप से अनेक का बोध होता है, उसे बहुवचन कहते हैं। जैसे, लड़के, घोड़े, घरों, पर्वतों, नदियों, हम, वे, ये आदि।
कुछ संज्ञापद हिन्दी में एकवचन और बहुवचन दोनों में समान रूप से प्रयुक्त होते हैं। उनके वचन का बोध वाक्य के आशय से होता है। जैसे, आम, घर, पेड़, सिपाही, आदमी, दाम आदि।
उदाहरण
एकवचन | बहुवचन |
---|---|
आम बहुत मीठा है। सिपाही जा रहा है। | आम बहुत मीठे हैं। सिपाही जा रहे हैं। |
मेरा घर सुन्दर है। आदमी सो रहा है। | हमारे घर सुन्दर हैं। आदमी सो रहे हैं। |
जामुन का पेड़ हरा है। मैंने दाम दे दिया है। | जामुन के पेड़ हरे हैं। हमने दाम दे दिये हैं। |
बहुत से पूज्य एवं उच्च पदाधिकारियों को आदर देने के लिए एकवचन का संज्ञापद भी बहुवचन में प्रयुक्त होता है। उदाहरण-
- महात्मा गाँधी” गांधीजी राष्ट्रपिता कहलाते हैं।
- श्री>कृष्ण यादव वंश के थे।
- पिताजी कल आ रहे हैं।
- कल राष्ट्रपति” राष्ट्रपति भाषण देंगे।
एकवचन से बहुवचन बनाने के नियम
अकारान्त पुल्लिंग शब्दों के बहुवचन बनाने के लिए अन्त के ‘आ’ के स्थान पर ‘ए’ लगा देते हैं। जैसे-
बेटा – बेटे
लड़का – लड़के
कमरा – कमरे
कपड़ा – कपड़े
अकारान्त स्त्रीलिंग शब्दों का बहुवचन बनाने के लिए अन्त के ‘अ’ के स्थान पर ‘ऐ’ कर देते हैं। जैसे-
आँख – आँखें
बात – बातें
गाय – गायें
रात – रातें
अकारान्त, उकारान्त और औकारान्त स्त्रीलिंग एकवचन शब्दों का बहुवचन बनाने के लिए भी अन्त में ‘एँ’ लगा देते हैं। जैसे-
माला – मालाएँ
माता – माताएँ
दवा – दवाएँ
वस्तु – वस्तुएँ
इकारान्त स्त्रीलिंग एकवचन शब्दों का बहुवचन बनाने के लिए उनके अन्त में ‘याँ’ जोड़ देते हैं। जैसे-
शक्ति – शक्तियाँ
राशि – राशियाँ
रीति – रीतियाँ
तिथि – तिथियाँ
इकारान्त स्त्रीलिंग एकवचन शब्दों का बहुवचन बनाने के लिए अन्तिम ‘ई’ को ह्रस्व करके ‘याँ’ जोड़ देते हैं। जैसे-
नदी – नदियाँ
सखी – सखियाँ
लड़की – लड़कियाँ
थाली – थालियाँ
‘इया’ प्रत्यय से बने हुए एकवचन स्त्रीलिंग शब्दों का बहुवचन बनाने के लिए उनके अन्त में चन्द्रबिन्दु लगा देते हैं। जैसे-
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गुड़िया – गुड़ियाँ
बुढ़िया – बुढ़ियाँ
डिबिया – डिबियाँ
कुछ उकारान्त शब्दों का बहुवचन बनाने के लिए ‘ऊ’ ह्रस्व करके अन्त में ‘एँ’ जोड़ देते हैं। जैसे-
लू – लुएँ
जू – जुएँ
बहू – बहुएँ
कुछ शब्दों के आगे लोग, गण, वृन्द, जाति, जन और वर्ग आदि शब्द लगाकर उनके बहुवचन बनाये जाते हैं। जैसे-
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भारत की झीलों की राज्यवार सूची State wise list of lakes of India
साधु – साधुलोग
बालक – बालकगण
अध्यापक – अध्यापकवृन्द
कुछ शब्दों को दो बार प्रयोग करके उनका बहुवचन बनाया जाता है। जैसे-
घर – घर-घर
भाई – भाई-भाई
गाँव – गाँव-गाँव
एकवचन
बहुवचन
एकवचन
बहुवचन
पत्ता
पत्ते
बच्चा
बच्चे
बेटा
बेटे
कपड़ा
कपड़े
लड़का
लड़के
बात
बातें
आँख
आँखें
पुस्तक
पुस्तकें
किताब
किताबें
रुपया
रुपए
तिनका
तिनके
भेड़
भेड़े
बहन
बहनें
घोड़ा
घोड़े
तस्वीर
तस्वीरें
कक्षा
कक्षाएँ
ऋतु
ऋतुएँ
कमरा
कमरे
भाषा
भाषाएँ
सेना
सेनाएँ
अध्यापिका
अध्यापिकाएँ
कविता
कविताएँ
वस्तु
वस्तुएँ
लता
लताएँ
बुढ़िया
बुढ़ियाँ
चिड़िया
चिड़ियाँ
चुहिया
चुहियाँ
गुड़िया
गुड़ियाँ
कहानी
कहानियाँ
घड़ी
घड़ियाँ
कुरसी
कुर्सियाँ
हड्डी
हड्डियाँ
मिठाई
मिठाइयाँ
दवाई
दवाईयाँ
अलमारी
अलमारियाँ
छुट्टी
छुट्टियाँ
बोली
बोलियाँ
सहेली
सहेलियाँ
सलाई
सलाइयाँ
डिबिया
डिबियाँ
था
थे
यह
ये
वह
वे
है
हैं
अध्यापक
अध्यापकगण
छात्र
छात्रगण
कवि
कविगण
गुरु
गुरुज
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